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07 नवंबर 2009

35 प्रतिशत महंगा हुआ सोयाबीन

नई दिल्ली November 06, 2009
पिछले साल के मुकाबले उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी के अनुमान के बावजूद सोयाबीन की कीमत पिछले साल के मुकाबले लगभग 35 फीसदी अधिक चल रही है।
कीमत अधिक होने से सोयाबीन की पेराई में 30 फीसदी तक की गिरावट आयी है। मिलर्स का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले तेल की कीमत कम होने के कारण वे अधिक कीमत पर सोयाबीन की खरीदारी की स्थिति में नहीं हैं।
वर्ष 2009-10 के दौरान कुल 90.67 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है जबकि वर्ष 2008-09 के दौरान सोयाबीन का कुल उत्पादन 90.62 लाख टन रहा। इस साल इसकी उत्पादकता पिछले साल के 967 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 1006 किलोग्राम होने का अनुमान लगाया गया है।
इंदौर मंडी के मुताबिक शुक्रवार को सोयाबीन की कीमत 2225-2275 रुपये प्रति क्विंटल बताई गयी जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह कीमत 1650 रुपये प्रति क्विंटल थी। सोयाबीन के दाम चालू सत्र की पहली आवक से ही गत वर्ष के मुकाबले तेज बताए जा रहे है।
20 सितंबर को इंदौर मंडी में सोयाबीन की आवक शुरू होती है और इस साल सोयाबीन की शुरुआती कीमत 1850 रुपये प्रति क्विंटल रही जबकि पिछले साल इसके शुरुआती भाव 1650 रुपये प्रति क्विंटल थे। इन दिनों सोयाबीन तेल की कीमत 400 रुपये प्रति 10 किलोग्राम चल रही है जबकि पिछले साल भी यह कीमत लगभग इसी स्तर पर थी।
ऐसे में सोयाबीन की कीमत पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी से अधिक होने के कारण मिर्ल्स की लागत अधिक आ रही है। हालांकि अक्टूबर अंतिम सप्ताह में सोयाबीन तेल के भाव पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 12 फीसदी अधिक थे।
सोयाबीन प्रोसेर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल के मुताबिक अभी सोयाबीन की आवक काफी कम मात्रा में हो रही है। अब तक मात्र 10 फीसदी फसल ही तैयार हो पायी है। जबकि माल सभी को चाहिए। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत में तेजी से भी सोयाबीन के अंतरराष्ट्रीय बाजार में मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूती का रुख है।
मिर्ल्स के मुताबिक अमेरिका में सोयाबीन की फसल में देरी के कारण भी बाजार में तेजी है। सोपा सचिव गिरीश मतलानी के मुताबिक सोयाबीन को मंडी में नहीं भेजकर उसका स्टॉक करने से भी कीमत में गिरावट नहीं हो रही है। हालांकि इस बात की संभावना भी जतायी जा रही है कि पूर्ण रूप से सोयाबीन की आपूर्ति शुरू होने पर इसके दाम में कमी जरूर आ जाएगी। (बीएस हिन्दी)

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