नई दिल्ली : घरेलू बाजार में प्याज की सप्लाई मजबूत करने के लिए सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़ा दिया है। सरकार ने प्रति टन प्याज का एमईपी 145 डॉलर बढ़ा दिया है। चालू वित्त वर्ष में होने वाली यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। सरकार के इस फैसले का उद्देश्य प्याज का निर्यात घटाना और घरेलू बाजार में इसकी आपूतिर् बढ़ाना है ताकि कीमतों में इजाफा न होने पाए। प्याज निर्यात का नियमन करने वाले नेफेड एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'नवंबर के लिए सरकार ने एमईपी को 145 डॉलर बढ़ाकर औसत 445-450 डॉलर प्रति टन कर दिया है। न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ाने के पीछे सरकार का उद्देश्य निर्यात में कमी लाना है क्योंकि घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।'
इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश ने 9।91 लाख टन प्याज का निर्यात किया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात का आंकड़ा 9.15 लाख टन था। आधिकारिक सूत्र ने बताया कि अगर प्याज का निर्यात इसी रफ्तार से होता रहा तो देश पिछले साल के 17.60 लाख टन निर्यात के आंकड़े को पार कर सकता है। देश के बड़े शहरों में प्याज के भाव दोगुने होने के बाद पिछले महीने नेफेड ने एमईपी में 85 डॉलर का इजाफा किया था, जिससे इसकी न्यूनतम निर्यात कीमत 300-305 डॉलर प्रति टन हो गई। उल्लेखनीय है कि नेफेड 12 दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर प्याज के दाम निर्धारित करता है। राजधानी दिल्ली में प्याज करीब 28 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा है। वहीं दिल्ली के थोक बाजार में भी प्याज के दाम में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। थोक बाजार में सितंबर में प्याज 830 रुपए प्रति क्विंटल था जो अब बढ़कर 1600 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। प्याज का गढ़ माने जाने वाले नासिक में सोमवार को प्याज 1,450 रुपए प्रति क्विंटल था जो सितंबर में 550 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर था। (ई टी हिन्दी)
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