कुल पेज दृश्य

09 नवंबर 2009

यूपी में गन्ना किसानों का आंदोलन तेज, ट्रेनें रोकीं

घोषित गन्ना मूल्य से नाराज किसानों ने सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रेलगाड़ियां रोकीं और दुकानों में तोड़फोड़ की।प्रदर्शनकारी किसानों ने मेरठ और गाजियाबाद में रेलगाड़ियां रोकीं। मेरठ राजकीय रेलवे पुलिस के चौकी प्रभारी एसके राणा ने बताया कि मेरठ के समीप सकोती स्टेशन पर आक्रोशित किसानों ने शालीमार एक्सप्रेस, दिल्ली-मुजफ्फरनगर एक्सप्रेस और मेरठ-दिल्ली पैसेंजर को रोका, जिससे मेरठ-दिल्ली रेलमार्ग ठप पड़ गया।सड़क पर उतरे किसानों के साथ राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। बागपत में किसानों ने रेलमार्ग क्षतिग्रस्त कर दिया, इससे दिल्ली-बागपत-सहारनपुर रेलमार्ग अवरुद्ध हो गया।बागपत के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि तड़के से ही किसानों ने जिले के बवली रेलवे स्टेशन के निकट रेलमार्ग की फिश प्लेटें उखाड़ दीं, इससे सहारनपुर-बागपत-दिल्ली रेलमार्ग बाधित हो गया और रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ। कुमार ने बताया की किसानों द्वारा बागपत-सहारनपुर राजमार्ग और बागपत-बड़ौत मार्ग जाम करने से यातायात बाधित हो गया।मुजफ्फरनगर में आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग जाम कर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का पुतला फूंका और कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिस से इनकी झड़प भी हुई। मेरठ के दौराला, परतापुर और सरधना और सहारनपुर के कुछ इलाकों में आक्रोशित किसानों ने यातायात बाधित किया।उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा गन्ने का समर्थन मूल्य 165 रुपये प्रति क्विंटल व केंद्र सरकार द्वारा उससे भी कम 129।85 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित करने और उचित एवं लाभकारी मूल्य व्यवस्था (एफआरपी) तय करने का किसान विरोध कर रहे हैं।गन्ना किसान प्रति क्विंटल 280 रुपये से ऊपर कीमत की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में एक अध्यादेश जारी कर न्यूनतम वैधानिक मूल्य (एसएमपी) समाप्त करके उसके स्थान पर उचित एवं लाभकारी मूल्य व्यवस्था (एफआरपी) लागू कर गन्ना मूल्य 129.85 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।इसके विरोध में गत 4 नवंबर को रालोद ने मेरठ में किसानों की एक महापंचायत कर सरकार को 9 नवंबर तक वाजिब गन्ना मूल्य की घोषणा करने की मांग की थी। (न डी TV

कोई टिप्पणी नहीं: