02 नवंबर 2009
प्याज की निर्यात कीमत में हो सकती है बढ़ोतरी
नई दिल्ली: कुछ शहरों में विगत दो महीनों में प्याज की कीमतों के दोगुना होने के कारण केन्द्र सरकार प्याज निर्यात करने की न्यूनतम कीमत में 150 डॉलर प्रति टन तक का इजाफा कर सकती है ताकि विदेश में इसकी खेप भेजने की गतिविधियों को हतोत्साहित किया जा सके और घरेलू आपूर्ति बढ़ाई जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को औसतन 450-455 अमेरिकी डॉलर प्रति टन करने के कारण व्यापारी इसका निर्यात करने से हतोत्साहित होंगे और इस तरह से घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी। बढ़ा हुआ निर्यात मूल्य नवंबर माह के लिए प्रभावी होगा। कृषि सहकारिता संस्था नेफेड 12 अन्य ऐजेंसियों के परामर्श से हर महीने प्याज का एमईपी निर्धारित करती है। नेफेड ने पिछले महीने एमईपी में 85 डॉलर की वृद्धि करते हुए उसे 300 से 305 डॉलर प्रति टन किया था। सरकारी सूत्रों ने बताया, 'नवंबर के लिए एमईपी को 150 डॉलर प्रति डॉलर तक बढ़ाया जा सकता है ताकि प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़े। सरकार प्याज की कीमतों को लेकर सतर्क है और वह स्थितियों के अनुरूप कार्रवाई करेगी।' एक अन्य सूत्र ने कहा कि नेफेड ने 30 अक्टूबर की अपनी बैठक में मूल्य स्थिति की समीक्षा की और वह इस सप्ताह एमईपी की घोषणा कर सकता है। प्रमुख व्यापार केन्द्र लासालगांव में प्याज का थोक मूल्य सितंबर के आरंभ के 571 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 30 अक्टूबर को 1,251 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इसी प्रकार दिल्ली में इसका थोक मूल्य 830 रुपए से बढ़कर 30 अक्टूबर को 1,625 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इस माह के आरंभ में नेशनल हार्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के निदेशक सतीश भोंडे ने कीमतों में तेजी के लिए सटोरियों और खुदरा विक्रेताओं को जिम्मेदार ठहराया था। (ई टी हिन्दी)
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