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02 नवंबर 2009

गन्ने को लेकर सुलगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश

मेरठ. गन्ने को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक बार फिर सुलगने लगा है। गन्ने के समर्थन मूल्य के विरोध में आज कई जगहों पर खेतों में गन्ना जलाया गया। केन्द्र सरकार की तरफ से घोषित गन्ने के समर्थन मूल्य के विरोध में कल सहारनपुर में गन्ना जलाते हुए किसान आग से जल गए जिनमें दो गंभीर है। आज गढ़ मुक्तेश्वर में किसान संगठनों ने एलान किया कि अब वे खुद समर्थन मूल्य तय करेंगे। जबकि पांच नवंबर को मेरठ में राष्ट्रीय लोकदल ने गन्ना के समर्थन मूल्य को लेकर महापंचायत बुलाई है।
केन्द्र सरकार के समर्थन मूल्य को राज्य के किसान संगठन बहुत ही कम बता रहे हैं। केंद्र के रुख के खिलाफ उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती भी अपनी नाराजगी जाता चुकी है। उधर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह गन्ने के समर्थन मूल्य को लेकर दिल्ली में विभिन्न दलों से बात कर रहे हैं।
अजित सिंह ने मेरठ में गन्ना के समर्थन मूल्य को लेकर महापंचायत बुलाई है। इसमें सभी सहकारी गन्ना समितियों के निदेशक भी शामिल होंगे। बरेली में हुई किसान पंचायत में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत, हरकिशन मलिक और बीएम सिंह ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन छेड़ने का एलान किया था। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान सड़क पर उतर आया है।
जगह-जगह किसान गन्ने के खेतों में आग लगा रहे हैं। सहारनपुर में कल इसी के चलते कई किसान आग की चपेट में आ गए। कंडारा रोड पर आज किसानों ने फिर जम लगाया जबकि भौरा खुर्द में पांच एकड़ खेत में किसानों ने आग लगा दी जिसमें से साढ़े तीन बीघा खेत जल गया। कुछ और जगहों से भी आग लगाने की छिट-पुट घटनाओं की खबर मिली है। उधर गढ़ मुक्तेश्वर में बीस हजर किसानों ने शपथ ली कि अब किसान स्वयं गन्ना मूल्य तय करेंगे ।
किसान पंचायत में हरिकिशन मलिक और बीएम सिंह भी सामिल थे। महेंद्र सिंह टिकैत शामली में किसान आन्दोलन के चलते नहीं आ पाए। किसान न सिर्फ गन्ना जला रहे है बल्कि कांदला पोर्ट से ब्राजील से आई आयातित कच्ची चीनी भी रोक रहे है।बजाज समूह ने ही सिर्फ 5 लाख कच्ची चीनी आयत की है।कल शामली में किसानो ने आयातित चीनी के बोरो में आग लगा दी थी। (भास्कर)

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