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01 सितंबर 2009

सोने की खपत में इंडिया को 'डसने' को तैयार है ड्रैगन

नई दिल्ली: कभी सोने की चिडि़या कहे जाने वाले भारत के पास भले ही अब सुनहरे पंख नहीं बचे हों, लेकिन इस पीली धातु के प्रति भारतीयों का मोह दुनिया भर में प्रसिद्ध है। केवल 2008 में भारतीयों ने 660 टन से ज्यादा सोने की खपत की और दुनिया में इस मामले में नंबर वन रहे। लेकिन ऐसा लगता है कि जल्द ही यह तमगा भी हमसे छिनने वाला है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की खपत के मामले में चीन जल्द ही भारत को पछाड़ कर पहला दर्जा हासिल कर सकता है। चीन में इस साल की पहली तिमाही में ज्वैलरी और रीटेल इनवेस्टमेंट को मिलाकर सोने की मांग 105।2 टन रही थी, जबकि इसी दौरान भारत में सोने की मांग केवल 17.7 टन थी।
चीन में ज्वैलरी की मांग 89।1 टन और रीटेल इनवेस्टमेंट के लिए सोने की मांग करीब 16.1 टन रही। इसकी तुलना में भारत में ज्वैलरी की मांग 34.7 टन रही, जबकि रीटेल इनवेस्टमेंट नकारात्मक 17 टन रहा। एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी हेड अमर सिंह ने चीन में सोने और इसकी ज्वैलरी की मांग बढ़ने की तीन अहम वजहें बताई, 'एक, चीन की जीडीपी वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज होने के चलते वहां लोगों के पास काफी पूंजी जमा हो गई है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए वहां लोग ज्वैलरी और सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं। दूसरा, चीन में सोने की ज्वैलरी के प्रति नया रुझान पनप रहा है। तीसरा, उनके लिए 15,000 रुपए प्रति 10 ग्राम का मौजूदा स्तर कोई मायने नहीं रखता। भारत में तो एक स्तर पर सोने को महंगा मानकर खरीदारी रोक दी जाती है।' साल की दूसरी तिमाही में चीन में सोने की कुल मांग 89.6 टन थी, जबकि भारत में यह मांग 109 टन रही। इस दौरान चीन में ज्वैलरी में 72.5 टन की और रीटेल इनवेस्टमेंट में 17.1 टन की मांग रही और भारत में ज्वैलरी की मांग 88 टन और रीटेल इनवेस्टमेंट 21 टन रहा। एसएमसी ग्लोबल की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट वंदना भारती के मुताबिक, 'सोने की मौजूदा तेजी और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए चीन की सरकार स्थानीय गोल्ड इंडस्ट्री को काफी बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही पिछले एक-दो साल से वहां के लोगों में सोने में निवेश करने और ज्वैलरी खरीदने के प्रति रुझान काफी बढ़ा है।' चीन केवल बड़ी मात्रा में सोने का आयात कर रहा है बल्कि अपने यहां सोने के खनन के काम में भी जोरों पर लगा हुआ है। अपने यहां मौजूद सोने के भंडारों के खनन के लिए चीन ने हाल ही में कई अंतरराष्ट्रीय खनन फर्मों के साथ समझौता भी किया है। चीन की योजना सोने के उत्पादन में सालाना 30 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल करना है। बोनांजा ब्रोकरेज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट विभुरतन धारा के मुताबिक, 'डॉलर की गिरती वैल्यू से निपटने के लिए चीन में केंद्रीय बैंक अपने गोल्ड रिजर्व को आक्रामक तरीके से बढ़ा रहा है। इस वजह से वहां आयात और खनन दोनों को बढ़ावा मिल रहा है।' (इत हिन्दी)

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