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01 सितंबर 2009

मॉनसून ने कम की अगस्त में सीमेंट की मांग

मुंबई August 31, 2009
कमजोर मॉनूसन की मार से सीमेंट उद्योग के भी प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की जाने लगी है।
भारतीय सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएमए) के अनुसार अब तक अपर्याप्त बारिश से सीमेंट की मांग में 9 फीसदी तक की कमी आ सकती है। इसकी मुख्य वजह अर्ध-शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में आई गिरावट हो सकती है जिससे सीमेंट उद्योग को काफी नुकसान पहुंचाया है।
दिलचस्प है कि यही वे क्षेत्र हैं जिन्होंने सीमेंट उद्योग को खस्ता हाल से बाहर निकाला था। पिछले साल नंवबर में जिस समय शहरी क्षेत्रों में सीमेंट की मांग में तेजी से गिरावट आई थी और ऐन मौके पर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में अचानक आई तेजी ने सीमेंट उद्योग को मुश्किल परिस्थितियों से निकालने में काफी मदद की थी।
सीएमए के अध्यक्ष हरिमोहन बांगुर ने बिजनैस स्टैंडर्ड को बताया 'अगस्त में मांग कमजोर रहने से अधिकांश कंपनियों के गोदाम में सीमेंट की बोरियां पड़ी हैं। ऐसी स्थिति में अगस्त में मांग 9-10 फीसदी के बीच रह सकती है।'
आंकडों में बात करें तो अगस्त में सीमेंट की मांग 145 लाख टन रह सकती है जो चालू वित्त वर्ष के पहले कुछ महीनों की तुलना में 15 लाख टन की गिरावट को दर्शाता है। सीमेंट उद्योग अगले सप्ताह अगस्त के आंकड़े जारी कर सकता है।
उद्योग जगत के एक विश्लेषक ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि अगस्त में मांग पर काफी असर पडा है जिससे पूरे देश में सीमेंट की मांग में कमी देखने को मिल सकती है। उन्होंने आगे कहा कि पहले तो बारिश में कमी थी, जिसका असर ग्रामीण इलाके में सीमेंट के कारोबार पर पड़ा, कुछ इलाकों में बारिश हुई तो निर्माण कार्य बाधित हुआ, जिसका असर सीमेंट की बिक्री पर पड़ा। (बीएस हिन्दी)

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