08 जुलाई 2009
दलहन आयात पर सब्सिडी से सुधरगी घरेलू बाजार में सप्लाई
आम बजट में दलहन आयात के लिए सब्सिडी का प्रावधान किए जाने से देश में दलहनों का आयात बढ़ने की संभावना है। इससे दालों की सुलभता सुधर सकती है और दाम भी कम हो सकते हैं। दलहन पर 15 फीसदी सब्सिडी देने की व्यवस्था है। बजट में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दलहन आयात के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में वैश्विक बाजार में दलहन की कीमतों में तगड़ा इजाफा हुआ है। ऐसे में सरकारी कंपनियों को महंगी दालों का आयात करना पड़ रहा है। नतीजन घरलू बाजार में दालों की कीमतें आसमान पर हैं। जानकारों का मानना हैं कि सरकार के इस फैसले से घरलू बाजार में दलहन की सप्लाई में सुधार देखी जा सकती है। जिससे इसके भाव में नरमी भी आ सकेगी। दलहन आयातक संघ के अध्यक्ष के. सी. भारतीय के मुताबिक सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दलहन आयात में सहूलियत हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि घरलू स्तर पर मांग के मुकाबले पैदावार न होने की वजह से भारी मात्रा में दलहनों का आयात करना पड़ता है। दलहन आयात मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां ही करती हैं। सरकार की इस घोषणा से नैफेड, एसटीसी और पीईसी लिमिटेड जैसी कंपनियों को अब दलहन आयात करने पर करीब 15 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी। हालांकि इस घोषणा के बाद आयात में कितना बढ़ेगा, इसके बार में अभी कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में करीब 1.41 करोड़ टन दलहन उत्पादन का अनुमान था जो एक साल पहले के मुकाबले करीब चार फीसदी कम है। देश में हर साल दलहनों की खपत करीब 1.7-1.8 करोड़ टन रहती है। पिछले साल यहां करीब 23 लाख टन दलहन का आयात हुआ था। (Business Bhaskar)
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