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10 जुलाई 2009

एलएमई की तर्ज पर घरेलू बाजार में भी अल्यूमीनियम में नरमी

लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में अल्यूमीनियम का स्टॉक बढ़ने के कारण इसके मूल्यों में करीब छह फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वहीं घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतों में करीब छह फीसदी तक की नरमी आई है। पिछले एक माह के दौरान एलएमई में अल्यूमीनियम नगद भाव 1650 डॉलर से घटकर 1561 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। वहीं घरेलू बाजार में इस दौरान अल्यूमीनियम के दाम करीब 81 रुपये से घटकर 76 रुपये प्रति किलो रह गए हैं। मेटल विश्लेषक अभिषेक शर्मा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि एलएमई में अल्यूमीनियम का स्टॉक बढ़कर 43.97 लाख टन हो गया है।चालू वर्ष के शुरूआत में यह 34.05 लाख टन था। स्टॉक बढ़ने की वजह चीन की खरीदारी कम होना है। दरअसल पिछले पांच माह के दौरान चीन ने भारी मात्रा में अल्यूमीनियम का आयात किया है। चालू वर्ष के मई माह तक चीन 7.37 लाख टन अल्यूमीनियम का आयात कर चुका है। यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 143 फीसदी अधिक है। वहीं दूसरी इंटरनेशनल अल्यूमीनियम इंस्टीट्यूट के अनुसार चीन ने मई के दौरान 31,700 टन प्रति दिन अल्यूमीनियम का उत्पादन किया था। यही कारण है कि अब अल्यूमीनियम की कीमतों में गिरावट आने लगी है। वहीं भारत में भी चालू वर्ष के अप्रैल-मई के दौरान अल्यूमीनियम का उत्पादन बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 2.07 लाख टन था।अल्यूमीनियम के मूल्यों में गिरावट की दूसरी वजह डॉलर मजबूत होने को भी माना जा रहा है। शर्मा के अनुसार पिछले एक माह के दौरान डॉलर यूरो के मुकाबले मजबूत होने को भी अल्यूमीनियम की कीमतों में गिरावट की वजह माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते महीनों में चीन में सरकार द्वारा राहत पैकेज देने के बाद धातुओं की औद्योगिक मांग में इजाफा हुआ है। दरअसल अल्यूमीनियम की खपत निर्माण और ऑटो सेक्टर में होती है। चीन की ऑटो मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के मुताबिक अप्रैल में वाहनों की बिक्री 37 फीसदी बढ़कर 8.31 लाख और मई में 34 फीसदी 11.2 लाख हुई है। इस दौरान चीन में 20 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के अलावा 2.14 लाख घरों का भी निर्माण हुआ है। इन्हीं कारणों से अल्यूमीनियम की मांग बढ़ी है। एंजिल कमोडिटीज के अनुज गुप्ता ने बताया कि चीन और जापान में अल्यूमीनियम की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में तेजी आई थी। लेकिन अब मांग के मुकाबले स्टॉक अधिक होने के कारण इसके मूल्यों में गिरावट आने लगी है। चीन में अप्रैल माह में प्राइमरी अल्यूमीनियम का आयात मार्च के मुकाबले चार गुना बढ़कर 362,400 टन हो गया। मई में 330,000 टन अल्यूमीनियम का आयात हुआ है। अल्यूमीनियम की खपत ट्रांसपोर्ट में 26 फीसदी, पैकेजिंग में 22 फीसदी, कंस्ट्रक्शन में 22 फीसदी, इलैक्ट्रिकल में 8 फीसदी, मशीनरी में 8 और अन्य क्षेत्रों में 14 फीसदी होती है। वहीं इसका सबसे अधिक उत्पादन एशिया में 43 फीसदी होता है इसके बाद 24 फीसदी यूरोप में, 22 फीसदी अमेरिका में और पांच फीसदी अफ्रीका में किया जाता है।(Business Bhaskar)

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