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04 जुलाई 2009

ग्लोबल मार्केट में सुस्ती से काली मिर्च के तेवर नरम

मुंबई: कम स्टॉक और आवक में सुस्ती के बावजूद घरेलू बाजारों में इस सप्ताह काली मिर्च की कीमतों में प्रति किलो 350 रुपए की कमी आई है। कीमतों में यह कमी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस कमोडिटी के कमजोर प्रदर्शन और निर्यात में गिरावट के कारण आई है। जानकारों का मानना है कि वैश्विक कीमतों पर दबाव के कारण कुछ समय तक काली मिर्च की कीमतों में नरमी बनी रहेगी। कोच्चि के हाजिर बाजार में काली मिर्च (मालाबार गार्बल्ड) की कीमत एक सप्ताह में 12,800 रुपए प्रति क्विंटल से घटकर 12,450 रुपए के स्तर पर आ गई। वायदा बाजार में एनसीडीईएक्स पर जुलाई कॉन्ट्रैक्ट में 29 जून से अब तक 350 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट अजीत कुमार के अनुसार कीमतों में नरमी का माहौल बना रहेगा। केरल में अच्छी बारिश होने से उत्पादन कम होने की आशंका घटी है। उन्होंने बताया, 'घरेलू मांग, खासकर उत्तर भारत से मांग में कमी है और इसमें अगस्त से तेजी आने की उम्मीद है।' कोटक कमोडिटीज सर्विसेज के फैयाज हुदानी का कहना है, 'कीमतों पर लगातार दबाव बना रहेगा।' उन्होंने बताया कि तकनीकी तौर पर इस सप्ताह जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 12,200 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर को छू सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इंडोनेशिया, ब्राजील और श्रीलंका से आवक बढ़ने से कीमतें कम हैं। इन देशों की कीमतों की तुलना में भारतीय निर्यात का भाव ज्यादा है। भारतीय निर्यातक काली मिर्च के लिए जहां 2,725 डॉलर प्रति टन पर कारोबार कर रहे हैं, वहीं इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे बाजारों में यह भाव 2,300-2,600 डॉलर प्रति टन है। कोच्चि आधारित काली मिर्च निर्यातक जोजान मलाइल के मुताबिक भारत ने अप्रैल-मई, 2009 में करीब 1,700 टन काली मिर्च का आयात किया था। आयातित काली मिर्च को ग्राइडिंग और स्टेरेलाइजिंग के बाद दोबारा निर्यात कर दिया गया। पिछले साल समान अवधि में इस उद्देश्य के लिए 1,100 टन काली मिर्च का आयात किया गया था। उन्होंने बताया कि लोग अपने स्टॉक को बाजार में नहीं ला रहे हैं और इस बीच 29 जून से केरल में कुछ आवक शुरू हो गई है। मलाइल के मुताबिक काली मिर्च की कीमतों में आगे और कमी आने की उम्मीद नहीं है। मसाला बोर्ड के हालिया आंकड़ों के मुताबिक आयात में तेजी का रुख है और निर्यात में कमी आ रही है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में पिछले साल के समान अवधि की तुलना में निर्यात 46 फीसदी घटकर 3,000 टन रह गया है। कीमतों में तेज गिरावट आने के बाद वियतनाम पीपर एसोसिएशन ने अपने सदस्यों से निर्यात में कमी लाने को कहा है। उसने कम से कम 2,800 डॉलर प्रति टन की दर से कॉन्ट्रैक्ट करने का सुझाव दिया है। वियतनाम में इस समय काली मिर्च का भाव 2,500 डॉलर से 2,600 डॉलर प्रति टन का चल रहा है। वियतनाम में काली मिर्च के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। इसने करीब 66,000 टन काली मिर्च का निर्यात भी कर दिया है। (ET Hindi)

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