फरीदाबाद. मानसून में देरी होने को लेकर कृषि विभाग चिंतित है। धान की रोपाई का काम पानी की कमी के चलते रुका हुआ है। विभाग का कहना है कि धान की रोपाई केलिए कम से कम 25एमएम की बारिश होना बहुत जरूरी है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि अब तक हुई बारिश नाममात्र ही है। इसे मानसून का आगमन नहीं माना जा सकता है।
बारिश न होने के कारण किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। जुलाई माह का समय धान की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। मगर ये माह बिना बारिश के निकलता जा रहा है। कृषि विभाग की 9 जुलाई को मासिक बैठक में इस समस्या को ऐजेंडे में चर्चा का मुख्य विषय रखा गया है। चंड़ीगढ में होने वाली इस बैठक में मानसून न आने से किसानों की समस्या को लेकर जिले में धान की कुल खेती को कम करने के प्रयास किए जाएंगे।
धान की खेती होगी कम
बैठक में मानसून के समय पर न आने की वजह से धान की खेती को कम करने की कोशिश की जाएगी। जिसकी जगह पर अन्य कम पानी वाली फसलों को जगह दी जाएगी। धान की जगह तिल, उड़द, बाजरा आदि को विकल्प के तौर पर रखा जाएगा। इससे किसानों को धान से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सकेगी। कृषि अधिकारियों का कहना कि बैठक में बरिश न होने पर विभिन्न जगहों पर आंकड़ों के हिसाब से धान की खेती में कटौती करने को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।
जिले में नौ हजार हैक्टेयर में धान की फसल उगाई जाती है। धान की खेती मंे सबसे अधिक हाईब्रिड खेती को बढ़ावा मिलता है। जिसमें पूसा बासमति पूरे देश में प्रचलित है। बैठक के एजेंडों में सबसे अधिक मानसून न होने से उससे होने वाले नुकसान का आंकलन किया जाएगा। जिसमें किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत इससे निपटने के सुझाव तैयार किए जाएंगे।
क्वालिटी कंट्रोल पर होगी चर्चा
बैठक के मुख्य चर्चा के विषय में खाद,बीज तथा मिट्टी के सैंपल अधिक से अधिक लेने पर भी ध्यान दिया जाएगा। उपजाऊ फसलों के लिए की गई सैंपलिंग के जरिए जमीन में होने वाले उर्वरक तत्वों की कमी आंकलन भी किया जाएगा। बारिश की कमी और जमीन की उर्वरक क्षमता की कमी के कारण खरीफ फसलें खतरे में है।
किसानों को जागरूक करने केइन दिनों विभिन्न कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। कैंपों के जरिए उन्हें बीजों की उपज तथा खाद में होने वाले तत्वों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा बैठक में खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक उपकरण की संख्या के इजाफेपर बल दिया जाएगा। (Dainik Bhaskar)
09 जुलाई 2009
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