मुंबई July 06, 2009
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट में घोषणा की है कि बायो डीजल पर सीमा शुल्क 7.5 फीसदी से घटा कर 2.5 फीसदी किया जाएगा और 20 फीसदी तक जैव-ईंधन के मिश्रण वाले हाई-स्पीड डीजल को उत्पाद शुल्क से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा।
इस उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक रणनीतिक कदम है और इससे जैव-ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। देश में ईंधन खपत में डीजल की भागीदारी लगभग 40 फीसदी की है।
एक विशेषज्ञ ने कहा, 'भारत खाद्य तेल का शुद्ध आयातक बनता जा रहा है। सरकार कंपनियों द्वारा एथेनॉल के उत्पादन के लिए खाद्य तेल के इस्तेमाल के खिलाफ है। इस तरह से यह कदम स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर कंपनियों को प्रोत्साहित करेगा।'
इसके अलावा इस कदम से एथेनॉल के साथ डीजल के और अधिक मिश्रण के लिए तेल विपणन कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल कुछ खास बाजारों में पायलट आधार पर 5 फीसदी के जैव-ईंधन मिश्रण की अनुमति है। यह मुख्यत: इसलिए है, क्योंकि देश में जैव-ईंधन की किल्लत है। 2006 में वैश्विक रूप से कुल जैव-डीजल उत्पादन 72 लाख टन था और 2012 में यह बढ़ कर 3.2 करोड़ टन हो सकता है।
इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि कई भारतीय कंपनियों ने पूरे भारत में बंजर भूमि पर जट्रोफा की खेती में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है, लेकिन इस फसल के पूरा होने की अवधि काफी लंबी है और भारत को मिश्रण जरूरत को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में आयात करने की जरूरत होगी।
भारत में तेल-विपणन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर जत्रोफा की खेती के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ साझा उपक्रम बनाए हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने जट्रोफा की खेती के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया है।
इसी तरह भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने भी उत्तर प्रदेश में 70,000 एकड़ भूमि पर जत्रोफा से जैव-डीजल तैयार करने के लिए हैदराबाद की नंदन बायोमेट्रिक्स और शपूरजी पलोंजी कंपनी के साथ मिल कर 'भारत रिन्यूएवल एनर्जी' नाम से कंपनी बनाई।
कवायद का असर
सरकार के इस कदम से जैव-ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा2012 में बायो डीजल उत्पादन बढ़ कर हो सकता है 3.2 करोड़ टन (BS Hindi)
07 जुलाई 2009
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