मुंबई- यूपीए सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के पहले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करने वाली है। ऐसे में सभी उद्योगों के साथ शुगर इंडस्ट्री की भी उम्मीदें प्रणव मुखर्जी के बजट पर टिकी हैं। सरकार से इस इंडस्ट्री की मांग है कि चीनी उद्योग को आंशिक तौर पर नियंत्रण मुक्त कर चीनी के दाम बाजार की मांग के मुताबिक तय होने की छूट दी जाए। इसके अलावा शुगर इंडस्ट्री चीनी के वायदा कारोबार को दोबारा शुरू करने की भी मांग कर रही है। बजट से पहले अपनी उम्मीदों के बारे में मुरुगप्पा ग्रुप के वाइस-चेयरमैन और डायरेक्टर-स्ट्रैटेजी ए वेल्लायन ने कहा, 'मांग-आपूर्ति के संभावित अंतर को दूर करने के लिए सरकार को चाहिए कि शुगर इंडस्ट्री पर नियंत्रण ढीला कर चीनी के भाव बाजार के अनुसार तय होने दें और चीनी का वायदा कारोबार दोबारा शुरू करने की अनुमति दें।' स्थायी सरकार की बदौलत अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद से इंडस्ट्री इस साल राहत के बजट की उम्मीद लगाए हुए है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गया है। इससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि चीनी उत्पादन करने वाला देश ब्राजील चीनी की जगह एथेनॉल बना रहा है जिससे विदेशी बाजार में चीनी की कमी हो रही है। वेल्लायन का कहना है कि चीनी आम उपभोक्ता के जरूरत की चीज है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपूतिर् पर प्रतिबंध से घरेलू बाजार में कमी न आए।
उनका कहना है कि सरकार को शुगर रिफाइनरी कंपनियों को सब्सिडी वाली दरों पर प्राकृतिक गैस मुहैया करानी चाहिए। इसके साथ ही सरकार को नई तकनीक पर निवेश और कामकाजी पूंजी की जरूरतों के लिए वित्तीय मदद भी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे घरेलू बाजार में हर समय चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। इसके साथ ही इंडस्ट्री मांग कर रही है कि सरकार रिलीज ऑर्डर की व्यवस्था खत्म करे जिसकी वजह से आपूर्ति की कमी होने खतरा रहता है और महंगे दाम पर सफेद चीनी का आयात करने के बावजूद घरेलू बाजार में कीमतें चढ़ सकती हैं। वेल्लायन ने शुगर इंडस्ट्री की क्षमता बढ़ाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को विनिवेश के जरिए पस्त यूनिट को दुरुस्त करने के लिए पैकेज देना चाहिए। भारतीय मानसून की देरी को लेकर दुनिया भर की शुगर इंडस्ट्री चिंतित है। आशंका है कि अगले शुगर सीजन में देश में चीनी का उत्पादन घट हो सकता है, जिससे कीमतों में तेजी आएगी। (ET Hindi)
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