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06 जुलाई 2009

भारतीय इलायची की खुशबू पर फिदा हुई दुनिया

मुंबई- इस हफ्ते जहां अधिकतर कमोडिटी की मांग में सुस्ती का दौर रहा, वहीं कम आपूर्ति और निर्यात में इजाफा होने से इलायची की मांग में 2.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में इलायची का जुलाई वायदा कारोबार 883 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ, जबकि इससे एक हफ्ते पहले यह 860 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था। केरल के हाजिर बाजार में भी बेहतर गुणवत्ता वाली इलायची के दाम में 2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और इस हफ्ते यह 875 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई। आमतौर पर इलायची की मड़ाई जुलाई के महीने से शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार मानसून में देर और वातावरण में गर्मी के कारण इसके अगस्त से शुरू होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, केरल के इडुकी जिले में इस साल जून में सामान्य से 31 फीसदी बारिश कम हुई, जिसकी वजह से इलायची की पैदावार पर असर पड़ा है। भारत का दक्षिणी राज्य केरल इलायची की सबसे ज्यादा पैदावार करने वाला प्रदेश है। देश के कुल इलायची उत्पादन में इसका 70 फीसदी योगदान है। केरल के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु दो अन्य प्रमुख इलायची उत्पादक राज्य हैं। केरल के इडुकी जिले के इलायची कारोबारी अरुण भीमराजका ने बताया कि मानसून के सही समय पर न आने के कारण राज्य में इलायची की पैदावार में कमी आने की आशंका है। इसके अलावा प्रमुख इलाकों में रिप्लांटिंग के कारण भी पैदावार पर असर पड़ सकता है।
स्पाइस बोर्ड के मुताबिक पिछले साल इलायची का कुल उत्पादन 15,450 टन था। जानकारों का कहना है कि केरल के करीब एक तिहाई इलायची उत्पादक क्षेत्रों में रिप्लांटिंग का काम किया गया है, इसके कारण उत्पादन प्रभावित होगा। अकेले केरल में करीब 41,000 हेक्टेयर जमीन पर इलायची की पैदावार होती है। एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट अजीत कुमार के मुताबिक इससे पहले कि इलायची की नई खेप बाजार में आए, अगले कुछ महीनों में इसकी कीमतों में प्रति किलोग्राम 75-100 रुपए का इजाफा हो सकता है और यह 1,000 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच सकती हैं। उन्होंने बताया कि त्योहार करीब आने के कारण घरेलू बाजार में इलायची की मांग बढ़ी है। इसके अलावा सऊदी अरब और पश्चिमी एशियाई देशों को किए जाने वाले निर्यात में भी तेजी आई है। अजीत कुमार ने बताया कि इलायची के दूसरे बड़े उत्पादक देश ग्वाटेमाला में भी इस बार पैदावार कम होने का अनुमान है। इसके साथ ही वहां की इलायची केरल जितनी बेहतर गुणवत्ता वाली नहीं है। स्पाइस बोर्ड के हालिया आंकड़ों में बताया गया है कि भारत के इलायची निर्यात में 100 फीसदी की तेजी आई है। भारत ने अप्रैल-मई की अवधि में 160 टन इलायची का निर्यात दुनिया के दूसरे मुल्कों को किया। (ET Hindi)

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