कुल पेज दृश्य

03 जुलाई 2010

आजादपुर मंडी में कॉमैक्स टिकर बोर्ड खराब

कमोडिटी फ्यूचर मार्केट से किसानों और व्यापारियों को जोड़ने के लिए फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) की कवायद इस तरह को बेकार ही जाएगा। देश की राजधानी में आजादपुर मंडी में फ्यूचर एक्सचेंजों के भाव की जानकारी देने के लिए लगाया गया टिक बोर्ड बंद पड़ा है। दो माह से भी कम समय में एफएमसी की योजना का यह हश्र देखने को मिल रहा है।आजादपुर मंडी में 12 मई को लगाया गया टिकर बोर्ड पिछले कई दिनों से बंद पड़ा है, जबकि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) के अधिकारियों ने इसके बार में जानकारी होने से ही इंकार किया है। एफएमसी के अधिकारी भी मानते हैं कि अभी इस तरह की दिक्कतें आ रहीं हैं। देश की राजधानी में लगे टिकर बोर्ड का ये हाल है, तो दूर-दराज स्थित मंडियों में टिकर बोर्ड किस हालत में होंगे, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। एपीएमसी के अधिकारियों एम. पी. गुलाटी और चरण सिंह को पता ही नहीं है कि मंडी में टिकर बोर्ड लगा भी है। मंडी के ज्यादातर व्यापारियों को भी नहीं पता कि कहीं कोई टिकर बोर्ड लगा हुआ है। सब्जियों के थोक कारोबारी पी. एम. शर्मा ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं है कि मंडी में कहीं टिकर बोर्ड लगा है। फलों के थोक व्यापारी राजकुमार भाटिया ने बताया कि यह तो मात्र सरकारी खाना-पूर्ति है। जिंसों के वायदा बाजार के भाव से किसान और व्यापारियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उधर एफएमसी के सदस्य राजीव अग्रवाल ने बताया कि अभी टिकर बोर्ड के के रखरखाव में परशानियां आ रही है। मई तक 183 मंडियों में टिकर बोर्ड लगाए जा चुके हैं। इन सभी मंडियों से फीड बैक मंगाए जा रहे हैं। जल्दी ही ये समस्या दूर हो जाएंगी। एफएमसी और वायदा एक्सचेंजों द्वारा 10 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में 800 मंडियों में टिकर बोर्ड लगाने की योजना है। इसके अलावा दूसर चरण में करीब 200 मंडियों में टिकर बोर्ड लगाए जायेंगे। मालूम हो कि कृषि मंत्री शरद पवार ने 12 मई को दिल्ली की आजारपुर मंडी में टिकर बोर्ड का उद्घाटन किया था। (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: