चंडीगढ़ July 20, 2010
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की मुहिम रंग लाती नजर आ रही है। अनाज के भंडारण के लिए हरियाणा में गोदाम बनाने के लिए निजी क्षेत्र से कारोबारी सामने आ रहे हैं। पंजाब में भी इसे बेहतर प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है, जहां जुलाई के अंत में बोली आमंत्रित किए जाने की संभावना है। हरियाणा में बोली की अंतिम तिथि 26 जुलाई है।एफसीआई हरियाणा ने 45 लाख टन क्षमता के गोदाम के लिए रुचि पत्र हासिल करने में सफलता पाई है, जबकि वहां पर बंद गोदाम की कुल जरूरत 40 लाख टन की है। पिछली बाद इसे सिर्फ 8 लाख टन के गोदाम बनाने के लिए प्रतिक्रिया मिली थी, जिसमें से 70,000 क्विंटल क्षमता के भंडार गृह के निर्माण ही प्राइवेट एंटरप्रेन्योर गोदाम स्कीम (पीईजी 2008) में सही बैठते थे। इसके तहत भंडारण क्षमता को एफसीआई को 5 साल के लिए किराए पर लेना था। एक अधिकारी ने कहा कि पांच साल के लिए किराए की गारंटी को 7 साल तक बढ़ाए जाने के बाद निजी क्षेत्र से बेहतर प्रतिक्रिया मिली है। इसके अलावा भंडार गृह के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली जमीन के मालिकाना हक को लेकर भी नियमों में ढील दी गई थी, जिसके चलते निजी क्षेत्र से बेहतर प्रतिक्रिया मिली। अब गोदाम मालिक और जमीन के मालिक के बीच रजिस्टर्ड समझौता होगा। निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी की राह में भूमि की कीमतें बहुत बड़ा रोड़ा थीं। इसकी वजह यह है कि कार्पोरेट घराने और रियल एस्टेट डेवलपर्स जमीन खरीदकर उसे अपने कब्जे में ले रहे हैं। इससे जमीन की मांग और आपूर्ति में बड़ी खाईं पैदा हो गई है। हैफेड ने फाइनैंशियल क्लोजर के मानकों में ढील देते हुए यह नियम बनाया कि जिन्हें इसके लिए चयनित किया जाएगा, उन्हें 45 दिन का समय दिया जाएगा। साथ ही गोदामों का किराया 3।82 रुपये प्रति क्विंटल प्रति माह से बढ़ाकर 4.78 रुपये प्रति क्विंटल प्रति माह कर दिया। (बीएस हिंदी)
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