केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंकों द्वारा किसानों को फसल ऋण पर ब्याज में दी जाने वाली रियायत की भरपाई के लिए 4868 करोड़ रुपये जारी करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार ने यह राशि सरकारी बैंकों के अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंको को उपलब्ध कराने के लिए मंजूर की।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैंक किसानों को सात प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराना जारी रखें। ऋण का समय पर भुगतान करने वाले किसानों को पांच प्रतिशत की दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
सरकार ने 2006-07 में किसानों को तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण पर ब्याज में सब्सिडी देने की योजना शुरू की थी। बाद में इसकी अवधि बढा़कर 2010-11 कर दी गई। सरकार ने 2009-10 में समय पर ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज दर में एक प्रतिशत की और रियायत देने की घोषणा की थी।
पिछले वर्ष ऐसे किसानों को ब्याज पर एक प्रतिशत की और रियायत दी गई। इस तरह समय पर भुगतान करने वाले किसानों को अल्पकालिक ऋण पांच प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। (दैनिक हिंदुस्तान)
30 जुलाई 2010
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