अहमदाबाद July 26, 2010
हालांकि गुजरात में इस वर्ष बारिश की स्थिति बेहतर नहीं रही है, लेकिन हाल के दिनों में पूरे राज्य में अच्छी-खासी बारिश होने की वजह से खरीफ फसलों की बुआई तेज हुई है। प्रदेश में तकरीबन 67 फीसदी बुआई हो चुकी है और ऐसा लग रहा है कि मौजूदा सीजन में कपास और अरंडी जैसी फसलों का रकबा बढ़ेगा।गुजरात सरकार के कृषि निदेशक की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले सप्ताह तक 58।5 लाख हेक्टेयर खेतों में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है। हालांकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 60 लाख हेक्टेयर खेतों में बुआई हो चुकी थी। सरकारी अधिकारियों ने बताया, 'सीजन की शुरुआत में कम बारिश के चलते फिलहाल तुलनात्मक रूप से रकबा कम है। लेकिन हालिया बारिश की वजह से बुआई की गतिविधियां तेजी हुई हैं।'गौरतलब है कि इस वर्ष 21 जुलाई तक गुजरात में सामान्य से कम बारिश हुई थी, लेकिन फिलहाल 303.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि 24 जुलाई तक सामान्यत: 304.2 मिलीमीटर बारिश होती है। हालिया बारिश से मौजूदा खरीफ सीजन के प्रति लोगों का नजरिया सकारात्मक हुआ है और किसानों समेत कारोबारियों एवं सरकार को भी कपास और अरंडी का रकबा बढऩे की उम्मीद है।बावजूद इसके उन्होंने इस वर्ष खरीफ फसलों के उत्पादन के बारे में कोई अंदाजा नहीं लगाया। फिलहाल कपास का रकबा बढ़कर 21.6 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इस फसल का रकबा 21 लाख हेक्टेयर रहा था। अहमदाबाद के अग्रणी कपास करोबारी अरुण दलाल ने कहा, 'घरेलू और निर्यात बाजारों में मजबूत मांग की वजह से पिछले वर्ष कपास के भाव काफी बढ़ गए थे। हमें उम्मीद है कि इस बार कपास का रकबा बढ़कर 29 लाख हेक्टेयर हो जाएगा, जबकि वर्ष 2009 में इस फसल का रकबा 25 लाख हेक्टेयर रहा था।'यही स्थिति अरंडी के साथ भी है। इस महीने इसके भाव 750 रुपये प्रति 20 किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल रेंडी का रकबा 66,000 हेक्टेयर है। वर्ष 2009 की समान अवधि में इस फसल का रकबा 49,700 हेक्टेयर रहा था। (बीएस हिंदी)
27 जुलाई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें