मुंबई July 23, 2010
एमएमटीसी-इंडिया बुल्स प्रवर्तित जिंस डेरिवेटिव्स प्लेटफार्म, इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड कृषि और गैर कृषि जिंसों की ऑनलाइन बिक्री के लिए वर्तमान स्पॉट ट्रेडिंग एक्सचेंजों से गठजोड़ की योजना बना रहा है। आईसीईएक्स के सीईओ संजय चंदेल ने कहा, 'मेरे विचार से नई व्यवस्था बनाने की तुलना में मौजूदा एक्सचेंजों से गठजोड़ करना एक बेहतर विचार होगा। नई व्यवस्था बनाने से उसी स्थान पर पहले से मौजूद एक्सचेंजों से प्रतिस्पर्धा करना पड़ेगा।' हालांकि उन्होंने समझौते के लिए बातचीत चल रहे किसी भी एक्सचेंज के नाम का खुलासा करने से इनकार किया है।निकट भविष्य में खुद का कारोबारी प्लेटफार्म विकसित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर चंदेल ने कहा कि स्पॉट ऑनलाइन ट्रेडिंग अभी बहुत शुरुआती अवस्था में है और इससे राजस्व अर्जित करने के लिए बहुत कुछ करना होगा। इसलिए इसके लिए अलग प्लेटफार्म तैयार करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा- बहरहाल हमने इस दिशा में काम करना शुरू भी नहीं किया है। एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स दोनो ही स्पॉट ट्रेडिंग प्लेटफार्म से जुड़े हुए हैं। एमसीएक्स का गठजोड़ नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) से है, जिसकी प्रवर्तक मूल कंपनी फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज है। वही एनसीडीईएक्स ने एक अलग से हाजिर प्लेटफार्म- 'एनसीडीईएक्स स्पॉट' बनाया है। अहमदाबाद की एनएमसीई के साथ नैशनल एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) जुड़ी हुई है, जो कपास और अरंडी बीज का हाजिर कारोबार अगस्त में शुरू करने पर विचार कर रही है। देश के सबसे बड़े हाजिर कारोबार प्लेटफार्म नैशनल स्पॉट एक्सचेंज के एमडी व सीईओ अंजनि सिन्हा ने इस विचार का स्वागत करते हुए कहा, 'यह दोनो पक्ष के लिए लाभदायक होगा। दोनो ही संयुक्त कोशिश से जिंसों के ऑनलाइन प्लेटफार्म कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।'हर जिंस एक्सचेंज अपने खुद के सदस्य बनाएंगे और वे सदस्यता शुल्क लेंगे। राजस्व का संग्रह वायदा एक्सचेंज करेंगे, वह कारोबार शुल्क के आधार पर लिया जाएगा। यह वायदा सौदों पर निर्भर करेगा। हाजिर एक्सचेंज एक ही बुनियादी ढांचे पर काम कर सकेंगे, जो सभी वायदा एक्सचेंजों से जुड़े होंगे। (बीएस हिंदी)
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