10 जुलाई 2010
बाढ़ से धान को ज्यादा क्षति
बाढ़ की चपेट मे आए पंजाब और हरियाणा के छह जिलांे में तकरीबन 1।60 लाख हैक्टेयर में खरीफ फसलें प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई है। इसमंे 60 हजार पंजाब का और एक लाख हैक्टेयर रकबा हरियाणा का है। हरियाणा में बाढ़ से करीब 650 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान होने की आशंका है। इसमें फसली नुकसान भी शामिल है। हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में बाढ़ से नुकसान तो हुआ है लेकिन स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है। एक-दो दिनों में दोनों राज्यों से रिपोर्ट मिल जाएगी, उसके बाद ही नुकसान का सही आंकलन लगेगा। शरद पवार ने बताया कि मानसून अच्छा रहने के संकेतों तथा खरीफ फसल का बुवाई क्षेत्रफल बढ़ने से सरकार को खरीफ में बंपर उत्पादन होने की उम्मीद है। बाढ़ से इस पर कोई खास असर पड़ने की आशंका नहीं है। चालू खरीफ में देश भर में धान की रोपाई 46.46 लाख हैक्टेयर, तिलहनों की 28.86 लाख हैक्टेयर, दलहन की 5.15 लाख हैक्टेयर, गन्ने की 47.37 लाख हैक्टेयर और कॉटन की 43.68 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। पंजाब में धान की रोपाई करीब 15.23 लाख हैक्टेयर और हरियाणा में 1.1 लाख हैक्टेयर में हुई है। जिन क्षेत्रों में बाढ़ से नुकसान हुआ है, उनमंे 80 फीसदी रकबा धान का है जबकि बाकी क्षेत्रफल में मक्का, ज्वार, गवार, गन्ना, कपास और सब्जियां लगाई गई हैं। दोनों राज्यांे की सरकारें हालांकि यह नुकसान का आकलन करने में लगी हैं। हरियाणा सरकार ने बाढ़ से तकरीबन 650 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई है। इसमंे फसलों के अलावा उद्योगांे और व्यापारियांे व सरकारी संपत्ति को होने वाला नुकसान शामिल है। कृषि विभाग के हरियाणा के अधिकारियों ने बासमती धान को नुकसान की संभावना से इंकार किया है। उनके मुताबिक कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल और शाहबाद मे तकरीबन एक लाख एकड़ मंे पानी भरा है। पानी उतरने के बाद की नुकसान का सही पता लगाया जा सकेगा। पंजाब कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही पंजाब में फसलों को नुकसान का अनुमान लगाया जा सकेगा। पंजाब कृषि विभाग के निदेशक बलविंदर सिंह सिद्धू के मुताबिक पंजाब में बाढ़ से मुख्य रूप से पटियाला, लुधियाना व फतेहगढ़ साहिब के कुछ इलाके प्रभावित हुए हैं। पटियाला के बाद संगरूर के मूनक तक बाढ़ का असर है। (दिल्ली से आर.एस. राणा, चंडीगढ़ से हरीश मानव व लुधियाना से नरेश बातिश)बात पते कीहरियाणा के अधिकारियों ने बासमती धान को नुकसान की संभावना से इंकार किया है। हालांकि उनके मुताबिक तकरीबन एक लाख एकड़ मंे फैले खेतों में पानी भरा है। (बिज़नस भास्कर....आर अस रना)
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