बेंगलुरु July 13, 2010
हाल के वर्षों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कॉफी चेन ने लोगों में कॉफी का आदती बनाने में खासी मदद की है। कॉफी की बेहतर ब्रान्डिंग की वजह से युवाओं में इसकी लोकप्रियता में खासा इजाफा हुआ। भारतीय कॉफी बोर्ड के अनुमानों के मुताबिक 2010-11 में घरेलू खपत बढ़कर 1,00,000 टन से ऊपर पहुंच जाएगी, जो 2008-09 में हुई कुल 94,400 टन खपत से करीब 6 प्रतिशत ज्यादा है। 2009-10 में कॉफी की खपत बढ़कर 1 लाख टन के आंकड़े को छू गई थी। भारतीय कॉफी बोर्ड के कृषि अर्थशास्त्री बाबू रेड्डी ने कहा- पिछले 5-6 साल से कॉफी की मांग 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर स्थिर है। देश के उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी इलाकों में इसकी मांग खासी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में तो कॉफी की खपत पहले से ही ज्यादा है अब उन क्षेत्रों से मांग निकल रही है, जहां यह कम लोकप्रिय थी। उन्होंने कहा कि रिटेल चेन के माध्यम से कॉफी की ब्रॉन्डिंग और युवाओं में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में खपत में और तेजी के आसार हैं। भारत में कॉफी का सालाना उत्पादन 3 लाख टन है, जिसमें से दो-तिहाई कॉफी का निर्यात होता है। विश्लेषकों का मानना है कि देश में कॉफी की रिटेल आउटलेट्स खुलने की वजह से युवाओं में कॉफी का प्रचलन एक पेय के रूप में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इससे निर्यात के बाजार पर कारोबार की निर्भरता में कमी आएगी। भारत की कैफे कॉफी डे (सीसीडी) और इटली की बरिस्ता लवाजा और कोस्टा कुछ प्रमुख रिटेल कॉफी चेन हैं, जिनकी देश भर में 1250 से अधिक आउटलेट्स हैं। उद्योग जगत के अनुमान से पता चलता है कि देश में अभी 5000 कॉफी की दुकानें और खुलने की गुंजाइश है। अगर ऐसा होता है तो कॉफी की घरेलू खपत में तेज बढ़ोतरी होगी। कैफे कॉफी डे जैसी रिटेल चेन अपने कारोबार का विस्तार टियर-2 और टियर-3 शहरों तक करना चाहती हैं। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- कॉफी चेन की इस समय 970 स्टोर्स हैं और अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए कंपनी 150 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है। अधिकारी ने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक दुकानों की संख्या बढ़ाकर 1150 करने की योजना है। इसी तरह से देश की दूसरी बड़ी खुदरा कारोबार श्रृंखला का संचालन करने वाली बरिस्ता भी अपने आउटलेट्स की संख्या वर्तमान के 200 से बढ़ाकर अगले 4 साल में 500 करने की तैयारी में है। कंपनी ने एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी के साथ मिलकर हाइवे पर अपने खुदरा कारोबार के विस्तार के लिए समझौता किया है। इसके अलावा अन्य अंतरराष्ट्रीय कॉफी ब्रांड कोस्टा कॉफी और कॉफी बीन भी भारत में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना बना रही हैं। कॉफी श्रृंखलाओं के विस्तार के बारे में केपीएमजी के साझेदार रमेश श्रीनिवास ने कहा- कॉफी रिटेल चेन खुलने से देश के उन इलाकों से कॉफी की मांग निकलने लगी है, जो परंपरागत रूप से कॉफी उपभोक्ता इलाके नहीं माने जाते थे। इसकी वजह से देश में कॉफी की खपत का स्तर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी इलाकों में कंपनियां विस्तार की संभावनाएं तलाश रही हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि संगठित खुदरा कारोबार करने वाली कॉफी श्रृंखलाओं की कुल खपत में हिस्सेदारी बहुत कम है और निकट भविष्य में भी इनकी भूमिका बहुत ज्यादा होने की उम्मीद नहीं है। (बीएस हिंदी)
14 जुलाई 2010
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