नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकारी गोदामों से राशन की दुकानों के बीच अनाज की चोरी रोकने के लिए सरकार एक नया और पुख्ता उपाय करने जा रही है। इसके तहत अब गांवों में ही गोदाम बनाए जाएंगे। खरीद के बाद वहीं अनाज का भंडारण होगा और वहीं से निकालकर राशन की दुकानों के जरिए उसका वितरण होगा। प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए पंचायतों को और अधिकार दिए जा सकते हैं।
सोमवार को राज्यों के खाद्य सचिवों के सम्मेलन में पहले दिन इसी मुद्दे पर सबसे अधिक चर्चा हुई। इस पूरी व्यवस्था में पंचायतों की भूमिका को और कारगर बनाया जाएगा। सम्मेलन के दौरान सबसे पहले केरल और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की राय ली गई, जहां राशन प्रणाली को सफल माना जाता है। हालांकि कई राज्यों के सचिवों ने उनकी व्यवस्था को सभी राज्यों में अमल के अनुकूल नहीं बताया। कुछ राज्यों का तर्क था कि यह जरूरी नहीं है कि जो प्रणाली किसी राज्य में सफल हो, वही दूसरे राज्य में भी सफल हो जाए।
राशन दुकानों से उपभोक्ताओं को समय पर अनाज न मिलने की शिकायत को अतिगंभीरता से लेने और इसके कारगर निवारण की पुख्ता व्यवस्था पर भी सहमति बनी है। राशन दुकानों के नजदीक ही गोदाम बनाने और साल भर का अनाज एक साथ स्टोर करने का भी प्रस्ताव रखा गया। बताया गया कि गोदाम से निकलने वाले ट्रक राशन दुकानों पर पहुंचने के बजाय सीधे खुले बाजार में पहुंच जाते हैं। पहले दिन राशन प्रणाली में वैकल्पिक उपायों पर भी विचार किया गया। इनमें बिहार की ओर से खाद्य कूपन जारी करने और नकद भुगतान जैसे उपाय प्रमुख थे। (दैनिक जागरण)
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