22 जुलाई 2010
चीनी आयात शुल्क पर फैसला संभव
खाद्य मामलों पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की आगामी २६ जुलाई को बैठक होगी। इस बैठक में चीनी पर आयात शुल्क लगाने के बारे में विचार किया जाएगा। साथ ही इस बैठक में 30 लाख टन अतिरिक्त चावल और गेहूं के आवंटन पर चर्चा होगी। यह अनाज राशन की दुकानों के माध्यम से बेचने की योजना है।सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले ईजीओएम की बैठक में रिफाइंड शुगर पर १५-२० फीसदी आयात शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर विचार हो सकती है। पिछली बैठक में चीनी के दामों में तेजी की संभावना को देखते हुए आयात शुल्क लगाने पर निर्णय टाल दिया था। खाद्य पदार्थों की मंहगाई दर १२।८१ फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है। उद्योग चीनी के दामों में गिरावट के चलते आयात शुल्क लगाने की मांग कर रहा है।इस बैठक में राशन की दुकानों के माध्यम से बेची जाने वाली चीनी के दामों में लगभग ४ रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी करने पर भी विचार किया जाएगा।सरकार अब लेवी के रूप में मिलों से लेवी के रूप में चीनी १७.५७ रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रही है। जबकि राशन की दुकानों पर इसे १३.५० रुपये प्रति किलो की दर पर बेचा जाता है। दामों में इस अंतर के चलते सरकार को १,००० करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी पड़ रही है। इस बैठक में गरीबी रेखा से ऊपर वाले परिवारों को बेचे जाने वाले गेहूं और चावल के सीआईपी (सेंट्रल इश्यू प्राइस) में भी बढ़ोतरी करने पर विचार किया जाएगा। इन परिवारों को ६.१० रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और ८.३० रुपये प्रति किलो की दर से चावल बेचा जाता है। (बिज़नस भास्कर)
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