नई दिल्ली July 11, 2010
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में मौजूद खामियां दूर करने के लिए देश में पहली बार मंगलवार को स्मार्ट कार्ड के जरिए अनाज और अन्य जिंसों के वितरण की प्रायोगिक योजना शुरू की जा रही है। यह योजना हरियाणा और चंडीगढ़ में प्रांरभ की जाएगी। इस योजना के तहत लाभान्वितों के पास स्मार्ट कार्ड होगा जिसमें उसकी बायोमेट्रिक सूचनाएं दर्ज होंगी ताकि किसी भी हालत में उनके कोटे के साथ छेड़छाड़ न की जा सके।केंद्रीय खाद्य, कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री शरद पवार मंगलवार को इस योजना को लॉन्च करेंगे। एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। पीडीएस में सुधार के लिए राज्य खाद्य सचिवों के दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन इस योजना को लॉन्च किया जाएगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन, भारतीय विशिष्टï पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी और हरियाणा के खाद्य और आपूर्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह इस मौके पर उपस्थित रहेंगे। इस परियोजना के तहत लाभान्वित परिवारों और संबंधित उचित मूल्य दुकान (एफपीएस) के मालिकों को स्मार्ट कार्ड जारी किए जाएंगे। जिन परिवारों को ये कार्ड जारी किए जाएंगे उनके तीन सदस्यों की बायोमेट्रिक जानकारियां इसमें दर्ज होंगी जो सब्सिडी दर पर उचित मूल्य दुकानों से अनाज खरीद सकेंगे। परिवार के सदस्यों की जानकारी उस दुकान के पास भी होगी। हरियाणा और चंडीगढ़ में इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है।इस प्रणाली के साथ जिला खाद्य और नागरिक आपूर्ति कार्यालय एफपीएस, कंज्यूमर को-ऑपरेटिव होलसेल स्टोर लिमिटेड (कॉनफेड) और भारतीय खाद्य प्राधिकरण केंद्र जुड़े होंगे जिनके पास एक स्मार्ट ट्रांजैक्शन टर्मिनल (एसटीटी) होगा जो किसी क्रेडिट कार्ड टर्मिनल से मिलता जुलता होगा। लाभान्वित परिवार का कोई सदस्य जब उचित मूल्य दुकान पर अनाज खरीदने पहुंचेगा तो वह वहां मौजूद स्मार्ट ट्रांजैक्शन टर्मिनल पर अपना कार्ड स्वाइप करेगा। ग्राहक को मशीन को अपनी उंगलियों से छूकर अपनी पहचान दर्ज करानी होगी।पहचान पूरी होने के बाद टर्मिनल से एक पर्ची प्राप्त की जा सकेगी जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि उस परिवार के कोटे में कितना अनाज है। अगर कोई व्यक्ति किसी महीने अपने कोटे का पूरा अनाज नहीं खरीदता है तो उसके पास यह सुविधा होगी कि वह अगले महीने अपने कोटे में से बचे अनाज की खरीद कर सकेगा। दरअसल पीडीएस के तहत अब तक जो व्यवस्था थी उसमें अक्सर उचित मूल्य दुकानों के दुकानदार रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर यह दिखा दिया करते थे कि उपभोक्ता ने अपने कोटे का पूरा अनाज खरीद लिया है। मगर अब इस नई बायामेट्रिक प्रणाली की वजह से रिकॉर्ड में छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इस योजना की एक और खास बात यह है कि इसमें मशीन स्थानीय भाषा में परिवारों के कोटे की जानकारी भी देगी। इससे अशिक्षित लोगों को भी समझने में परेशानी नहीं होगी।इस परियोजना का शुरुआती खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि दूसरे साल से परिचालन खर्च खुद राज्य सरकारों को उठाना होगा। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीडीएस योजना के लिए स्मार्ट कार्ड जारी करने का प्रस्ताव 2008-09 में रखा था। (बीएस हिंदी)
13 जुलाई 2010
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