27 जुलाई 2010
अरहर व मूंग के थोक भाव घटे, फुटकर में पूर्ववत
मूंग और अरहर की थोक कीमतों में पिछले महीने भर में क्रमश: 700 और 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। उत्पादक मंडियों में मूंग का भाव घटकर 4800 से 5000 रुपये और अरहर का 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। लेकिन फुटकर में उपभोक्ताओं को अभी मूंग दाल 90-95 रुपये और अरहर दाल 71 से 75 रुपये प्रति किलो की दर से ही खरीदनी पड़ रही है। दालों के थोक व्यापारी निशांत मित्तल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में नया माल आने से मूंग की थोक कीमतों में गिरावट आई है लेकिन फुटकर में कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। फुटकर व्यापारी सीमित मात्रा में दालों की खरीद करते हैं इसीलिए फुटकर में कीमतों पर असर कुछ समय बाद में पड़ता है।मूंग दाल का थोक दाम घटकर दिल्ली में 6500 से 7000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि एक महीना पहले इसका भाव 7200 से 7700 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से अरहर दाल की थोक कीमतों में भी इस दौरान करीब 400 रुपये की गिरावट आकर भाव 5400 से 6800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने बताया कि इस दौरान उड़द और चना दाल के दाम करीब 200 से 300 रुपये बढ़कर भाव क्रमश: 6500 रुपये और 2800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मसूर दाल का भाव 4200-4300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर ही बना हुआ है। गुलबर्गा के दलहन व्यापारी चंद्रशेखर एस। नाडर ने बताया कि कर्नाटक में नई मूंग की आवक आने से कीमतों में गिरावट आई है। पिछले एक महीने में मंडी में इसकी कीमतों में करीब 700-800 रुपये की गिरावट आकर भाव 4,800 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अगस्त के मध्य तक राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी मूंग की नई फसल आ जाएगी। जिससे मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना है। मूंग पेड़ी सेवा के दाम भी पिछले एक महीने में 1355 डॉलर प्रति टन से घटकर 1255 डॉलर प्रति टन और अन्नासेवा का भाव 1170 डॉलर प्रति टन रह गया। बंदेवार दाल एंड बेसन मिल के डायरेक्टर सुनील बी. बंदेवार ने बताया कि आयातित लेमन अरहर की कीमतों में पिछले एक महीने में करीब 20 डॉलर प्रति टन की गिरावट आकर भाव 970 डॉलर प्रति टन रह गए। स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढऩे और मिलों की मांग से थोक में अरहर के भाव 4200 रुपये से घटकर 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। देसी अरहर का भाव भी घटकर अकोला मंडी में 4000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। उन्होंने बताया कि खरीफ में दालों का बुवाई क्षेत्रफल बढ़ा है तथा मौसम अनुकूल बना हुआ है। ऐसे में मूंग और उड़द का उत्पादन बढऩे की संभावना है। वैसे भी उत्पादक मंडियों में अरहर का स्टॉक अच्छा है। इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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