नई दिल्ली July 11, 2010
काबुली चने की मांग बढऩे का असर इसकी कीमतों पर दिखने लगा है। कारोबारियों के मुताबिक काबुली चने की निर्यात और घरेलू मांग बढऩे से इसके दाम 300-400 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं। उनके मुताबिक आगे भी इसकी कीमतों में तेजी की संभावना है। मुख्य उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की सतना मंडी में पिछले पांच-छह दिनों के दौरान काबुली चने के दाम करीब 400 रुपये बढ़कर 4200-4300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है। दिल्ली में मध्य प्रदेश लाइन काबुली चने के दाम 250-300 रुपये बढ़कर 4300-4400 रुपये प्रति क्विंटल, कर्नाटक और महाराष्ट्र लाइन काबुली के दाम बढ़कर 3800-3850 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। सतना मंडी के काबुली चना कारोबारी और निर्यातक कमलेश पटेल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में काबुली चने की मांग अच्छी चल रही है। इसकी वजह मैक्सिको में काबुली चने की फसल प्रभावित होने को माना जा रहा है। इस वजह से इसकी कीमतों में तेजी आई है। उनका कहना है कि देश से काबुली चने का निर्यात 1,000 डॉलर प्रति टन के भाव पर हो रहा है। बीते दिनों में काबुली के निर्यात मूल्य में करीब 80-90 डॉलर प्रति टन का इजाफा हुआ है। भारत से दालों के निर्यात पर पाबंदी है, लेकिन काबुली के निर्यात पर यह पाबंदी लागू नहीं है। दिल्ली के काबुली चना कारोबारी डी।सी. गुप्ता ने कहा कि शादियों के चलते काबुली चने की घरेलू मांग बढ़ी है। इससे दिल्ली में इसकी कीमतें 300 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई है। गुप्ता का कहना है कि बीते कुछ दिनों में सब्जियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण भी काबुली चने के मूल्यों में इजाफा हुआ है।पटेल के मुताबिक आने वाले दिनों में घरेलू और निर्यात मांग को देखते हुए काबुली चने की कीमतों में और तेजी के आसार है। गुप्ता का आगे कीमतों के बारे में कहना है कि काबुली चने की नई फसल फरवरी में आएगी, जिसमें अभी करीब सात माह का समय है। ऐसे में आगे कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। इन दिनों मध्य प्रदेश की मंडियों में चार से पांच हजार बोरी (100 किलोग्राम) की दैनिक आवक हो रही है। इस बार प्रदेश में काबुली का उत्पादन पिछले साल से 25 फीसदी अधिक है। देश में काबुली चने का सबसे अधिक उत्पादन मध्य प्रदेश में कि या जाता है। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र में इसका उत्पादन होता है। इसका निर्यात तुर्की, अल्जीरिया, मैक्सिको, सऊदी अरब सहित अन्य देशों को किया जाता है। (बीएस हिंदी)
12 जुलाई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें