29 जुलाई 2010
आयात बढऩे पर ही थमेगी नेचुरल रबर की तेजी
टायर उद्योग की मांग बढऩे से पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की कीमतों में 7.6 फीसदी की तेजी आई है। बुधवार को केरल के कोट्टायम में आरएसएस-5 और आरएसएस-4 के दाम बढ़कर क्रमश: 178 और 183 रुपये प्रति किलो हो गए। वायदा बाजार में इस दौरान नेचुरल रबर की कीमतें 6.8 फीसदी बढ़ी हैं। हालांकि इस दौरान सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में नेचुरल रबर की कीमतों में 12.3 फीसदी की गिरावट आई है। इसलिए आगामी दिनों में आयात बढऩे की संभावना है जिससे मौजूदा तेजी रुकने की संभावना है। रबर मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि टायर उद्योग की मांग बढऩे नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। कोट्टायम में भी आरएसएस-5 और आरएसएस-4 के दाम 28 जून को 168 और 170 रुपये प्रति किलो थे, जो बुधवार को बढ़कर क्रमश: 178 और 183 रुपये प्रति किलो हो गए। हालांकि अभी तक विदेश में भी नेचुरल रबर के दाम तेज थे, जिससे आयात कम हो रहा था। लेकिन पिछले एक महीने में विदेशी बाजार में कीमतों करीब 12.3 फीसदी घटी है। सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में नेचुरल रबर के दाम 28 जून को 169-170 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) थे जो बुधवार को घटकर 148-149 रुपये प्रति किलो रह गए। भारत के मुकाबले विदेशी बाजार में इसके दाम करीब 34 रुपये प्रति किलो कम हैं इसीलिए आगामी दिनों में आयात बढऩे की संभावना है। जिससे घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की मौजूदा तेजी को ब्रेक लग सकता है। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार जून महीने में नेचुरल रबर का आयात 9,255 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जून महीने में 20,250 टन का आयात हुआ था। जून महीने में नेचुरल रबर के घरेलू उत्पादन में भी पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान घरेलू उत्पादन बढ़कर 57,000 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 54,255 टन का ही उत्पादन हुआ था। इस दौरान खपत में भी इजाफा हुआ है। चालू वर्ष के जून महीने में नेचुरल रबर की खपत 75,000 टन की हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 74,220 टन की खपत ही हुई थी। नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) में अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में नेचुरल रबर की कीमतों में पिछले एक महीने में करीब 6.8 फीसदी की तेजी आ चुकी है। निवेशकों की खरीद बढऩे से अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में नेचुरल रबर के दाम बढ़कर बुधवार को 187 रुपये प्रति किलो हो गए। 28 जून को अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में इसका भाव 175 रुपये प्रति किलो था। हरिसंस मलयालम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कपूर ने बताया कि खपत के मुकाबले उत्पादन कम होने से नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी आई है। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में देश में नेचुरल रबर की खपत बढ़कर 9.78 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि इस दौरान उत्पादन का अनुमान 8.93 लाख टन होने का है।बात पते की वायदा बाजार में नेचुरल अगस्त वायदा 6.8 फीसदी बढ़कर एक माह में 187 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। लेकिन आयात बढऩे हाजिर में नरमी आने पर वायदा में भी असर दिख सकता है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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