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03 जुलाई 2010

निर्यातकों की कमजोर मांग से हल्दी के मूल्य में गिरावट

निर्यातकों के साथ ही मसाला निर्माताओं की कमजोर मांग से हल्दी की कीमतों में गिरावट आई हैं। उत्पादक राज्यों में बारिश होने से हल्दी की बुवाई बढ़ने की संभावना है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ गई है। वायदा बाजार में निवेशकों की मुनाफावसूली से पिछले पंद्रह दिनों में हल्दी की कीमतें करीब सात फीसदी घट गई हैं। हाजिर में इस दौरान इसकी कीमतें करीब 400-450 रुपये `िंटल घट चुकी है। आगामी दिनों में हल्दी की मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। निजामाबाद मंडी स्थित मैसर्स मनसाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनम चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि निर्यातकों, स्टॉकिस्टों और मसाला निर्माताओं की मांग पहले की तुलना में घटी हैं। प्रमुख उत्पादक राज्यों में बारिश हो रही है। जबकि चालू सीजन में किसानों ने हल्दी का ऊंचा भाव देखा है। ऐसे में हल्दी की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले करीब 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली तो बढ़ ही गई है, साथ ही मांग में कमी आई है। इसलिए आगामी दिनों में मौजूदा कीमतों में करीब 500 से 700 रुपये प्रति `िंटल की और गिरावट आने की उम्मीद है। निजामाबाद मंडी में हल्दी का भाव घटकर 14,500-14,700 रुपये और इरोड में 15,600-15,700 रुपये प्रति `िंटल रह गए। मालूम हो कि मई के शुरू में निजामाबाद में हल्दी की कीमतें बढ़कर 15,400-15,500 रुपये और इरोड में 16,400-16,500 रुपये प्रति `िंटल हो गई थी। इस समय उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक करीब 7-8 हजार बोरी (प्रति बोरी 70 किलो) की हो रही है। टरमरिक मर्चेट्स एसोसिएशन के सदस्य एस। सी. गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार 48 लाख बोरी होने का अनुमान है जो पिछले साल के मुकाबले पांच लाख बोरी ज्यादा होगी। पिछले साल देश में हल्दी का कुल उत्पादन 43 लाख बोरी का हुआ था। चालू सीजन में नई फसल के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक करीब तीन लाख बोरी बचा हुआ था। ऐसे में हल्दी की कुल उपलब्धता 51 लाख बोरी बैठने का अनुमान है। जबकि घरलू और निर्यात मांग को मिलाकर सालाना खपत 46-47 लाख बोरी की होती है। इस समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक करीब 16-17 लाख बोरी का बचा है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर पंद्रह जून को जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी का भाव 15,328 रुपये प्रति `िंटल था जोकि गुरुवार को घटकर 14,006 रुपये प्रति `िंटल रह गए। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में हल्दी के निर्यात में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान कुल 5,300 टन का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4,675 टन का निर्यात हुआ था।बात पते कीस्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ गई है, साथ ही मांग में कमी बनी हुई है। इसलिए आगामी दिनों में मौजूदा कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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