मुंबई July 06, 2010
नैशनल बल्क हैंडलिंग कार्पोरेशन (एनबीएचसी) ने अगले पांच से सात साल में अपनी भंडारण क्षमता 4 गुना बढ़ाने वाली है। फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज इंडिया लिमिटेड की इस सहयोगी कंपनी की फिलहाल भंडारण क्षमता 473 गोदामों को मिलाकर 20 लाख टन है। एनबीएचसी स्टोरेज, मालों की जांच व उसकी ग्रेडिंग, फ्यूमिगेशन एवं पेस्ट मैनेजमेंट, वेयरहाउस ऑडिट और ङ्क्षजसों के मूल्यांकन संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराती है। एनबीएचसी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अनिल चौधरी के कहना है कि कंपनी अगले पांच से सात साल में अपनी वेयरहाउस व जिंसों के रखरखाव की क्षमता 120-150 लाख टन करना चाहती है। सबसे पहले अगले एक साल में हम 50 लाख टन भंडारण क्षमता प्राप्त करना चाहते हैं। इसके लिए हम अपने विभिन्न नीतिगत उपायों पर काम कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि कंपनी ने हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के कुछ वेयरहाउसों को अधिग्रहीत किया है और उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन वेयरहाउसों का वित्तपोषण ऋण व प्लेसमेंट या किसी दूसरे माध्यमों से किया जाएगा। वेयरहाउसिंग का कामकाज दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। सरकार के पास 550 लाख टन फूड स्टॉक है और आगामी दिनों में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये 100 मिलियन टन फूड स्टॉक की आवश्यकता होगी। इसके लिए वेयरहाउस और क्वालिटी ग्रेडिंग के साथ अन्य सेवाओं की भी आवश्यकता होगी। बैंक भी फूड स्टॉक के लिए कर्ज देने को तैयार हैं बशर्ते ये स्टॉक गुणवत्ता प्रमाणित और व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक वेयरहाउस रसीद युक्त हों। चौधरी ने कहा कि एनबीएचसी ने इस क्षेत्र में निपुणता हासिल कर लिया है और अभी तक वेयरहाउस रसीदों के सामने 60,000 किसानों को 14,000 करोड़ रुपये कर्ज दिला चुका है। व्यवस्थित वेयरहाउसों के अभाव में सरकार को भारी नुकसान हो रहा है। उदाहरण के लिए 170 लाख टन गेहूं खुले में रखा गया हैं। पर्याप्त वेयरहाउस क्षमता प्राप्त करके बढिय़ा कारोबार किया जा सकता है। सरकार की ओर से जल्द ही इस क्षेत्र के लिये एक नियामक पर निर्णय होने वाला है। साथ में वेयरहाउस के कारोबार को वायदा बाजार आयोग के अधिकार क्षेत्र में लाने की कोशिशे चल रही हैं। (बीएस हिंदी)
07 जुलाई 2010
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