कुल पेज दृश्य

07 जुलाई 2010

अबके बरस नहीं होगी चीनी कम

मुंबई July 06, 2010
गन्ने की फसल के लिए बने माकूल हालात और बढ़े रकबे से इस साल इस नकदी फसल की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। बंपर फसल के उत्पादन से चीनी का उत्पादन भी बढ़ेगा। देश में चीनी उद्योग के संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने इसके मद्देनजर चालू पेराई वर्ष में चीनी के अपने उत्पादन के अनुमान को संशोधित कर बढ़ा दिया है।पेराई सत्र अक्टूबर 2010 से सितंबर 2011 के बीच आईएसएमए ने चीनी के 2।3 करोड़ टन के उत्पादन का अनुमान लगाया था लेकिन अब इस संस्था को लगता है कि इस दौरान देश में 2.5 करोड़ टन चीन का उत्पादन हो सकता है। इस्मा के अध्यक्ष और देश की प्रमुख चीनी कंपनी बलरामपुर चीनी के प्रबंध निदेशक विवेक सरावगी ने कहा है, बेहतर फसल और रकबे के बढऩे के आधार पर हमारा खुद का अनुमान है कि अगले पेराई सत्र में देश में चीनी का उत्पादन 2.5 करोड़ टन के आसपास रह सकता है। पेराई सत्र 2009-10 के दौरान हुए करीब 1.9 करोड़ टन के चीनी के उत्पादन की तुलना में यह अनुमान 60 लाख टन ज्यादा है। सरावगी कहते हैं कि इस साल गन्ने की बंपर फसल होने जा रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2 जुलाई तक पिछले साल इसी अवधि की तुलना में गन्ने के रकबे में 13.35 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस साल 2 जुलाई तक देश में 47.30 लाख हेक्टेयर जमीन पर गन्ने की बुआई हो चुकी है जबकि पिछले साल इसी दौरान 41.79 लाख हेक्टेयर जमीन पर गन्ना लगा था। यह आंकड़ा कृषि मंत्रालय के 45.46 लाख हेक्टेयर के अनुमान से भी ज्यादा है। दिलचस्प है कि रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने भी जून की अपनी रिपोर्ट में अगले पेराई सत्र में चीनी का 2.5 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया था। इस बात का महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी मिल महासंघ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे ने भी समर्थन किया था। पिछले साल चीनी के उत्पादन में गिरावट की वजह से देश में चीनी के भाव आसमान की बुलंदियों पर पहुंच गए थे।इस साल की शुरुआत में चीनी का भाव 40,000 रुपये प्रति टन के स्तर पर थी जो अप्रैल 2010 में घटकर 28,000 रुपये प्रति टन पर आ गया। इस साल बेहतर मॉनसून से गन्ने की बढिय़ा पैदावार होने की उम्मीद है। (बीएस हिंदी)

कोई टिप्पणी नहीं: