अहमदाबाद 07 04, 2010
प्रमुख मूंगफली उत्पादक इलाकों में किसानों की सहायता के लिए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के मूंगफली प्रोत्साहन परिषद ने आंध्रप्रदेश और गुजरात में मूंगफली को बढ़ावा देने के लिए कृषि प्रयोगशालाओं की स्थापना का फैसला लिया है।कृषि प्रयागशालाओं के निर्माण के लिए सर्वोच्च कारोबारी इकाई ने गुजरात में जूनागढ़ और आंध्रप्रदेश में अडोनी का चयन किया है। देश के कुल मूंगफली उत्पादन में सबसे ज्यादा योगदान गुजरात और आंध्रप्रदेश राज्य करते हैं। इन राज्यों में कृषि प्रयोगशाला के लिए जिन इलाकों का चयन किया गया है वे राज्यों के प्रमुख मूंगफली उत्पादक इलाके हैं। 2009-10 में देश में कुल 51।2 लाख टन मूंगफली का उत्पादन हुआ था जिसमें गुजरात का योगदान 16 लाख टन और आंध्रप्रदेश का 10.3 लाख टन था। पिछले दो सालों से मूंगफली के रकबे में कमी देखने को मिली है। साथ ही उत्पादन और गुणवत्ता में भी गिरावट आई है। एसईए मूंगफली प्रोत्साहन परिषद् के चेयरमैन बिपिन पटेल ने कहा कि कृषि प्रयोगशालाओं के विकास से मूंगफली का उत्पादन करने वाले किसानों को मदद मिलेगी।एसईए के अध्यक्ष अशोक सेतिया ने कहा, 'एसईए की प्रबंधन समिति ने सुझाव मान लिया है और जूनागढ़ और अडोनी में कृषि प्रयोगशाला बनाने का फैसला लिया है। इन प्रयोगशालाओं की स्थापना का उद्देश्य मूंगफली उत्पादक क्षेत्रों में किसानों की मदद करना है। इनके जरिए किसानों को मिट्टी जांच की सुविधा और मिट्टी और तापमान के हिसाब से बीजों की जानकारी दी जाएगी।साथ ही मौसम की ताजा सूचना के लिए एसएमएस सेवा दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें कटाई से पूर्व और कटाई के बाद कृषि विशेषज्ञों की भी सेवा दी जाएगी। करोबारी इकाई ने सदस्यों से भी आगे आने की गुजारिश की है। (बीएस हिंदी)
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