05 नवंबर 2009
रबर का वैश्विक उत्पादन छह फीसदी घटने का अनुमान
प्रमुख रबर उत्पादक देशों में मौसम प्रतिकूल रहने के कारण चालू वर्ष में नेचुरल रबर का वैश्विक उत्पादन कम से कम छह फीसदी कम रहने की संभावना है। रबर उत्पादक देशों के संगठन के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जोम जैकब ने बुधवार को कहा कि एसोसिएशन के सदस्य देश फिलहाल उत्पादन के आंकड़े जुटा रहे हैं लेकिन शुरूआती संकेत जिस तरह के मिल रहे हैं उससे साफ है कि इस बार उत्पादन में गिरावट रह सकती है। जैकब संगठन के वार्षिक सम्मेलन के मौके पर बोल रहे थे। विश्व के प्रमुख देशों से सरकारी और औद्योगिक प्रतिनिधि इस छह दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे। इस सम्मेलन में अगले वर्ष के लिए रबर उत्पादन संबंधी समस्याओं पर विचार किया जाएगा। इससे पहले थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया और भारत की ओर से इस तरह की रिपोर्ट आई हैं कि खराब मौसम के कारण उनका रबर उत्पादन घट सकता है। चीन ही एकमात्र ऐसा देश है जिसका उत्पादन बढ़ने की संभावना है। भारत के रबर बोर्ड के चेयरमैन साजन पीटर ने कहा कि पुराने पेड़ों और कम पैदावार के कारण इस वर्ष देश का नेचुरल रबर उत्पादन 5.2 फीसदी घटकर 8.35 लाख टन रह सकता है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2011 को समाप्त होने वाले अगले वित्त वर्ष में नेचुरल रबर उत्पादन 8.48 लाख टन रहने की संभावना है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री टॉम्स जोसेफ ने कहा कि भारत का रबर रिप्लांटिंग कार्यक्रम तय समय से काफी पीछे चल रहा है। रबर पैदावार बढ़ाने के लिए 70,000 हैक्टेयर में तुरंत रिप्लांटिंग की जरूरत है। इसमें पेड़ 28 से 29 साल पुराने हो चुके हैं और उनकी उत्पादकता राष्ट्रीय औसत के आधे से भी कम है। उन्होंने कहा कि रबर का करीब 38 फीसदी यानि 6.62 लाख हैक्टेयर रकबा औसतन 22 साल पुराना है। भारत का रबर उत्पादन सुधारने के लिए पुराने पेड़ों की रिप्लांटिंग काफी जरूरी हो गई है। वहीं, सम्मेलन में चीन के डांझोऊ स्थित रबर रिसर्च इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर मो ये योंग ने कहा कि चीन का कंपाउंड रबर आयात तेजी से बढ़ रहा है और इस वर्ष यह 9.50 लाख टन तक पहुंच सकता है। वर्ष 2008 में आयात 5.57 लाख टन रहा था। वैश्विक आर्थिक मंदी के असर के बावजूद चीन में इस वर्ष भी रबर की खपत काफी ज्यादा रही है। चीन के ऑटो उद्योग में जबरदस्त तेजी के कारण टायर निर्माण उद्योग मंे रबर की मांग में जोरदार उछाल रहा है। (बिज़नस भास्कर)
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