नई दिल्ली : खरीफ सीजन की फसलों पर सूखे और बाढ़ की मार पड़ने के बाद सरकार किसानों को रबी सीजन की बुआई के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है। इसीलिए रबी सीजन में बुआई शुरू होने के साथ ही सरकार ने गुरुवार को गेहूं सहित रबी की कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया। इसके तहत सरकार ने गेहूं की एमएसपी 20 रुपए और चना की एमएसपी 30 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दी है। इसके साथ ही सरकार ने जौ और सैफफ्लावर जैसी दूसरी रबी फसलों की एमएसपी भी बढ़ा दी है। एमएसपी बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने लिया। बैठक के बाद गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बताया, 'पिछले साल की तुलना में गेहूं की एमएसपी में 20 रुपए का इजाफा कर इसे 1,100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया गया है।' उन्होंने कहा कि सरकार ने रबी फसलों पर कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की रिपोर्ट स्वीकार कर ली।
पिछले साल सरकार ने गेहूं की एमएसपी 80 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई थी, जिससे गेहूं की रेकॉर्ड 8।05 करोड़ टन पैदावार हुई थी। 2009-10 सीजन के दौरान सरकार का लक्ष्य 8.2 करोड़ टन गेहूं पैदावार का है। सीसीईए ने पिछले साल की तुलना में इस साल चना की एमएसपी 30 रुपए बढ़ाकर 1,760 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है। ठीक इसी तरफ सैफफ्लावर की एमएसपी 30 रुपए बढ़ाकर 1,680 रुपए प्रति क्विंटल और जौ की एमसपी 70 रुपए बढ़ाकर 750 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। सरकार ने तिलहन और मसूर की एमएसपी नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। तिलहन की एमएसपी 1,830 रुपए प्रति क्विंटल और मसूर की एमएसपी 1,870 रुपए प्रति क्विंटल पर ही बरकरार है। (ई टी हिन्दी)
06 नवंबर 2009
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