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02 नवंबर 2009

गेहूं उत्पादकों को 45 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध

जालंधर। राष्ट्रीय अनाज सुरक्षा मिशन के तहत 45 हजार क्विंटल उन्नत किस्म का बीज गेहूं उत्पादकों के लिए उपलब्ध कराया गया है। इस सीजन में किसान यह बीज लेने के लिए अपने जिले के मुख्य कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। कृषि माहिर डा। बीएस बराड़ ने बताया कि यह कोशिश किसानों को उन्नत तकनीक से जोड़ने की है। किसानों को 15,000 से 30,000 रुपये सब्सिडी पर 240 रोटावेटर, 100 सीड टिलेज व अन्य मशीनें दी जाएंगी। किसानों को मिशन के तहत उन्नत बीजों की मिनी किट्स भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
बिना सिंचाई होगी गेहूं की खेती
जबलपुर। प्रदेश में करीब 65 से 70 फीसदी क्षेत्र असिंचित है या फिर यहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं है। ऎसे क्षेत्रों के किसानों के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जबलपुर) के वैज्ञानिकों ने गेहूं का ऎसा बीज तैयार किया है, जिसके उपयोग से बिना सिंचाई के भी 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार ली जा सकती है। कृषि विवि के वैज्ञानिक डॉ।आर.एस. शुक्ला ने बताया कि करीब तीन साल की मेहनत के बाद जे डब्ल्यू 3211 किस्म के शरबती गेहूं का बीज ईजाद करने में सफलता प्राप्त की है। कम पानी में भी अघिक उत्पादनडॉ. शुक्ला ने बताया कि यह बीज कम पानी से भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखता है। इस बीज से एक पानी से प्रति हेक्टेयर करीब 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन कर सकता है। इसी प्रकार यदि दो पानी की व्यवस्था हो तो प्रति हेक्टेयर करीब 35 से 40 क्विंटल तक गेहूं की पैदावार ले सकता है। जिन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है उस क्षेत्र में किसान पहले की नमी को बचा कर अच्छी पैदावार ले सकते है। इसकी फसल को तैयार होने में करीब 118 से 125 दिन लगते है। प्रदेश के अलावा इस बीज की मांग महाराष्ट्र व आस पास के क्षेत्रों से अघिक हो रही है। मौसम परिवर्तन का प्रभाव नहींडॉ. शुक्ला ने बताया कि मौसम में आए उतर चढ़ाव या तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल प्रभावित हो जाती है लेकिन अन्य की तुलना में रोग प्रतिरोधात्म क्षमता अघिक होने कारण जे डब्ल्यू 3211 गेहूं की फसल पर मौसम परिवर्तन का कोई असर नहीं पड़ता है। इसका दाना चमकदार व इसमें 10 से 12 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है । इसके पौधे की लम्बाई 85 से 90 सेमी तक होती है।

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उर्वरक व बीज की समस्या नहीं होगी
भोपाल । किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि किसानों को रबी सीजन में उर्वरक एवं बीज की समस्या उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी।मंत्री शनिवार को सतना में कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों को आधुनिक खेती के लिये प्रेरित किया जा रहा है।उन्होंने अधिकारियों को उर्वरक एवं बीज की कालाबाजारी करने वाले एवं नकली उर्वरक एवं बीज बेचने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में उप संचालक कृषि सतना ने बताया कि जिले में विपणन संघ, एम.पी. एग्रो, तिलहन संघ एवं निजी क्षेत्रों द्वारा यूरिया 3495 टन, सुपर फास्फेट 169 टन, एम.ओ.पी 80 टन, डी.ए.पी 4558 टन, नाइट्रोजन 1584 टन, स्फुर 1948 टन, पोटाश 168 टन किसानों को उपलब्ध कराया गया है।

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