06 नवंबर 2009
गेहूं के एमएसपी में 20 रुपये की मामूली बढ़ोतरी, किसान मायूस
केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन (2010-11) के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मात्र 20 रुपये की बढ़ोतरी की है। इस तरह नए खरीद सीजन में गेहूं का एमएसपी 1100 रुपये प्रति क्विंटल होगा। सरकार ने रबी सीजन में 15 लाख टन तिलहन के अतिरिक्त उत्पादन का लक्ष्य तो रखा है, लेकिन इसके बावजूद उसने रबी तिलहनों की प्रमुख फसल सरसों के एमएसपी को फ्रीज कर दिया है। यहां तक कि पिछले साल भी इसके एमएसपी में मात्र 30 रुपये प्रति क्विंटल की ही बढ़ोतरी की गई थी। रबी में दलहन की प्रमुख फसल चने के एमएसपी में भी 30 रुपये की मामूली बढ़ोतरी की गई है। वहीं, मसूर के एमएसपी को भी फ्रीज कर दिया गया है यानी इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय कमेटी (सीसीईए) की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने बताया कि जौ के एमएमपी को 70 रुपये बढ़ा कर 750 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसी तरह सूरजमुखी के एमएसपी में 30 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 1680 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सूरजमुखी के एमएसपी में पिछले साल कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। रबी तिलहन की अन्य फसल तोड़िया के एमएसपी को भी फ्रीज किया गया है। नए खरीद सीजन में तोड़िया का एमएसपी 1735 रुपये, मसूर का 1870 रुपये और सरसों का एमएसपी 1830 रुपये प्रति क्विंटल पर यथावत रहेगा।पिछले साल सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 80 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था जिससे गेहूं का उत्पादन और सरकारी खरीद दोनों ही रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे। वर्ष 2009-10 के रबी विपणन सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद 252 लाख टन की हुई थी, जबकि गेहूं का उत्पादन 805 लाख टन का हुआ था। एमएसपी का जिक्र करते हुए किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, सरकार महंगे दाम पर अनाजों का आयात तो कर सकती है, लेकिन अपने किसानों को वाजिब दाम देने में उसे परेशानी हो रही है। आगामी वर्षे में देश को इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।गेहूं की बुवाई का कार्य शुरू हो चुका है तथा गेहूं के एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी होने से किसान मायूस हैं। हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने छह एकड़ में गेहूं की बुवाई करने के लिए सिंचाई की हुई है। पिछले साल के मुकाबले लागत में बढ़ोतरी हुई है तथा गेहूं का भाव घरेलू बाजार में 1400 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चल रहा है। ऐसे में एमएसपी में मात्र 20 रुपये की बढ़ोतरी कर सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है। (बिसनेस भास्कर....आर अस राणा)
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