06 जून 2009
एनसीडीईएक्स में मुनाफावसूली से गिर सकते हैं मसालों के दाम
मुंबई: पिछले एक पखवाड़े से कृषि कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर मसालों में लगातार मुनाफावसूली देखी जा रही है। विश्लेषकों का कहना है कि जीरा, हल्दी और काली मिर्च में बहुत ज्यादा खरीद हुई है और आने वाले दिनों में इनके दाम में गिरावट आ सकती है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में जीरा और हल्दी के भाव में कमी दर्ज की जा सकती है लेकिन काली मिर्च का दाम एक दायरे में ही रहेगा। निर्यात की मांग बढ़ने और आपूर्ति में कमी होने की वजह से इन कमोडिटी की कीमतों में तेजी आई थी। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूती आने से जीरा और काली मिर्च की निर्यात मांग में कमी आई है। भारतीय जीरा निर्यातकों को सीरिया और तुर्की के निर्यातकों से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं तमिलनाडु में दक्षिण पश्चिम मानसून के आने से हल्दी कारोबारियों का उत्साह प्रभावित हुआ है। गुरुवार को हल्दी के जुलाई (फ्रंट मंथ) अनुबंध 18 मई से 10 फीसदी कम होकर 4,975 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। ठीक इसी तरह जीरा के अनुबंध में भी 21 मई से अब तक 9 फीसदी से ज्यादा कमी दर्ज की गई है और जुलाई के लिए जीरा का अनुबंध 10,529 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। काली मिर्च के मामले में पिछले 15 दिनों में 4 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ भाव 12,413 रुपए प्रति 100 किलो हो गया है। शुक्रवार को एनसीडीईएक्स पर अगस्त कॉन्ट्रैक्ट के लिए जीरे का भाव 0.13 फीसदी कमी के साथ 10,800 रुपए प्रति क्विंटल रहा और ओपन इंटरेस्ट 7,041 लॉट का था। इन कमोडिटी को लेकर तेजडि़यों के मंद रुझान का पता कीमतों में कमी के साथ ओपन इंटरेस्ट (ओआई) में आई गिरावट से चलता है। हल्दी के जून अनुबंध के लिए ओपन इंटरेस्ट 18 मई से 45 फीसदी घटकर 20,580 रह गया है। इसी तरह जीरा और काली मिर्च में ओपन इंटरेस्ट में क्रमश: 21 मई और 22 मई से 26 फीसदी घटकर 6294 और 4060 हो गया है। कार्वी कॉमट्रेड के रिसर्च हेड हरीश गालीपेल्ली ने कहा, 'तमिलनाडु में मानसून आने के बाद बुआई में तेजी आई है जिससे हल्दी में आगे 5 रुपए की कमी आनी चाहिए।' विश्लेषकों के मुताबिक 25 अप्रैल को एफएमसी द्वारा हल्दी पर विशेष मार्जिन लगाए जाने से भी सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। शेयर खान कमोडिटीज के मेहुल अग्रवाल मध्यम अवधि में हल्दी के भाव को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि कीमत ज्यादा होने की वजह से जून और जुलाई में बुआई बढ़ेगी लेकिन आंध्र प्रदेश में दुग्गीराला के एक ट्रेडर का कहना है कि स्टॉक कम होने की वजह से अब भी प्रति 100 किलो पर 60 रुपए भाव बढ़ने की संभावना है। आनंद राठी कमोडिटीज के अली मुहम्मद लकड़ावाला के मुताबिक जीरा की कीमतों पर भी दबाव है। उन्होंने कहा कि सीरिया और तुकीर् में अच्छी फसल होने का अनुमान है जिससे भारतीय निर्यात में कमी आ सकती है। उल्लेखनीय है कि सीरिया के मसालों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। (ET hindi)
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