मुंबई 06 28, 2009
हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्य तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में अच्छी बारिश होने की वजह से इस बार हल्दी की बुआई अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है।
पिछले दो साल में हल्दी की कीमत में करीबन 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण इस बार हल्दी की फसल को किसान ज्यादा प्राथमिकता देने वाले हैं। इस साल हल्दी की फसल 20 फीसदी ज्यादा होने की उम्मीद की जा रही है।
हालांकि देश के दूसरे हिस्सों में कमजोर मानसून और बरसात में हो रही देरी से दूसरी फसलों की तरह हल्दी की बुआई पर भी असर देखा जा सकता है। इस समय थोक बाजार में हल्दी 54 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जबकि अप्रैल में 53 रुपये प्रति किलो और जनवरी में 40 रुपये प्रति किलो एवं 31 अक्टूबर 2007 को हल्दी 21 रुपये प्रति किलो थी।
जून 2007 में हल्दी 20 रुपये प्रति किलो से भी नीचे बेची जा रही थी। पिछले दो वर्षों में हल्दी की कीमतों में मजबूती की मुख्य वजह कम उत्पादन और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी की अच्छी मांग को माना जा रहा है।
वित्त वर्ष 2008-09 में हल्दी का उत्पादन 41 लाख बोरी (एक बोरी बराबर 75 किलोग्राम) का था जबकि 2007-08 में 45 लाख बोरी का उत्पादन हुआ था। देसी और विदेशी मांग(निर्यात) को मिलाकर प्रति वर्ष हल्दी की मांग करीबन 50 लाख बोरी की है।
तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश से मिल रही जानकारी के अनुसार वहां सही बरसात होने से हल्दी की अच्छी बुआई हुई है, पिछले साल की अपेक्षा इस बार दक्षिण के राज्यों में हल्दी की बुआई क्षेत्र में करीबन 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। (BS Hindi)
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