27 जून 2009
टॉप 10 में आ सकता है भारतीय कमोडिटी मार्केट
देश के कमोडिटी ट्रेडिंग के ढांचे में अगले दस साल के दौरान भारी बदलाव आ सकता है। लेकिन इसके लिए सरकार को कई कदम उठाने होंगे। भारत में जिंसों के बाजार खासकर कृषि जिंसों के कारोबार की पद्धति पारंपरिक है। इसमें नए तकनीकी बदलाव की जरूरत है। कमोडिटी स्पॉट एक्सचेंज इसी जरूरत को पूरा कर सकते हैं।भारत में अभी वायदा कारोबार की काफी आलोचना होती है। दरअसल इसके लिए डिलीवरी सिस्टम से जुड़ी बाधाएं जिम्मेदार हैं। अमेरिका जैसे विकसित बाजार में हाजिर बाजार के मुकाबले वायदा बाजार का कारोबार करीब 20 से 25 गुना तक है। वायदा और हाजिर कारोबार का अनुपात हर जिंस के अनुसार अलग अलग होता है। अमेरिका में अधिकतम 25 गुना तक वायदा कारोबार होता है। इसके विपरीत भारत में कई जिंसों में 60 गुना तक वायदा कारोबार हो रहा है।देश के हाजिर बाजारों में एपीएमसी की व्यवस्था में बदलाव आएगा और तमाम मंडियां आपस में जुड़ जाएंगी तो डिलीवरी बढ़ेगी, इससे डिलीवरी आधारित वायदा कारोबार बढ़ जाएगा। उस स्थिति में वायदा कारोबार पर तेजी लाने का इल्जाम नहीं लगेगा। इस समय सरकार वायदा कारोबार के मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। यही वजह है कि कमोडिटी वायदा कारोबार में विदेशी निवेश अभी प्रतिबंधित है।इस समय भारत में कमोडिटी फ्यूचर एक्सचेंजों में जो कारोबार हो रहा है, वह सिर्फ भारतीय कारोबारियों का ही है। इस कारोबार के बल पर ही आज भारतीय कमोडिटी वायदा कारोबार टॉप 20 देशों में शामिल होता है जबकि एमसीएक्स व एनसीडीईएक्स कई कमोडिटी में कारोबार के मामले में टॉप 10 में एक्सचेंज हैं।अगर भविष्य की बात की जाए तो विदेशी निवेश शुरू होने की स्थिति में भारतीय कमोडिटी फ्यूचर मार्केट टॉप 10 में आ सकते हैं। कई कमोडिटी के मामले में भारतीय एक्सचेंज विश्व प्रसिद्ध सीबॉट और सीएमई जैसे एक्सचेंजों को भी पीछे छोड़ सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब विदेशी निवेशक भारतीय एक्सचेंजों में हेजिंग कर सकें। भारतीय एक्सचेंज तिलहन, सोना और दलहनों के वायदा कारोबार में काफी विकास कर सकते हैं।कई कमोडिटी के मामले में भारतीय एक्सचेंज सीबॉट और सीएमई जैसे एक्सचेंजों को भी पीछे छोड़ सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब विदेशी निवेशक भारतीय एक्सचेंजों में हेजिंग कर सकें। भारतीय एक्सचेंज तिलहन, सोना और दलहनों के वायदा कारोबार में काफी विकास कर सकते हैं। (Business Bhaskar)
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