नई दिल्ली: मॉनसून में देरी से फसलों के उत्पादन पर असर तो वक्त आने पर ही दिखेगा, लेकिन लगातार हो रही सरकारी बयानबाजी और बाजार के जानकारों द्वारा जताई जा रही चिंता से कालाबाजारी को जरूर मदद मिल सकती है, जिसका नतीजा बढ़ी कीमतों के रूप में देखा जा सकता है। कमोडिटी बाजार पर करीब से नजर रखने वालों का मानना है कि मॉनसून में देरी के कारण दाल, ऑयलसीड, धान और गन्ना, ज्वार एवं बाजरा जैसी खरीफ फसलों की बुआई में देरी हो सकती है। इसके अलावा हरी सब्जियों के उत्पादन पर भी गर्मी का सीधा कहर बरपेगा। जानकारों के मुताबिक इस समय दिल्ली के बाजारों में इनमें से ज्यादातर कमोडिटी का पर्याप्त भंडार है। लेकिन जिस तरह से वायदा बाजार में कीमतें चढ़ रही हैं, उसे देखते हुए मानसून की देरी जुलाई में कीमतों में वृद्धि के रूप में दिखेगी।
दिल्ली में खाद्यान्न की खपत पर गौर करें, तो यहां 125 लाख क्विंटल खाद्यान्न की रोजाना खपत होती है। जबकि शहर में खाद्य तेलों की रोज की खपत 700 टन है। दिल्ली सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष ओम प्रकाश जैन ने ईटी को बताया, 'शहर में इस समय गेहूं, मक्का, बाजरा, दाल, चावल और अन्य खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक है। अगर जुलाई के पहले हफ्ते तक सामान्य बारिश नहीं होती है, तो भी शहर में एकदम से खाद्यान्न की किल्लत नहीं होगी। लेकिन इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगली फसल कमजोर होने के अनुमान से बाजार में कीमतें तेज होने का सेंटीमेंट बनेगा। खासकर सरकार ने मानसून को लेकर जितनी सक्रियता दिखाई है, उससे उपभोक्ताओं को महंगाई का डर सताने लगा है।' कार्वी कॉमट्रेड के एसोसिएट रिसर्च हेड अरबिंदो प्रसाद के मुताबिक, 'जुलाई के पहले हफ्ते तक अगर देश में सामान्य मानसूनी बारिश नहीं होती है तो इससे दालों की कीमतों में 5-6 फीसदी का इजाफा हो सकता है। इसके अलावा सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला जैसे ऑयलसीड की कीमतों में 10 फीसदी तक का उछाल आ सकता है।' दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने कहा, 'सरसों के तेल के अलावा बाकी प्रमुख खाद्य तेल मानसून में देरी से प्रभावित होंगे। हालांकि इस समय सोया ऑयल, सनफ्लावर ऑयल आदि की कीमतें पिछले साल से निचले स्तर पर हैं। एक महीने में तेल की कीमतों में 8 से 10 रुपए प्रति किलो तक की मंदी आई है। लेकिन नई फसल में देरी के अनुमान से इन तेलों की कीमतों में अगस्त में 5 से 10 फीसदी तक की तेजी आ सकती है।' उधर सब्जी और फलों पर मॉनसून की संभावित देरी के असर पर दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड (डीएएमबी) के अध्यक्ष ब्रह्मा यादव ने बताया, 'मॉनसून सही समय पर उत्तर भारत में प्रवेश करेगा तो हरी सब्जियों की कीमतें नीचे आ सकती हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो कीमतों में कुछ उछाल आ सकता है। फलों की कीमतों पर असर पड़ने की आशंका नहीं है।' (ET Hindi)
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