बहरामपुर June 23, 2009
दक्षिण उड़ीसा के कंधमाल जिले में हल्दी की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर 44 रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुकी हैं।
वर्षा की असमानता की वजह से उत्पादन में कमी आई है, जिसकी वजह से यह स्थिति पैदा हुई। पिछले साल कच्ची हल्दी की अधिकतम कीमत 38 रुपये प्रति किलो थी। जानकारों का कहना है कि इस साल कच्ची हल्दी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत गिरा है।
पिछले साल कंधमाल एपेक्स स्पाइसेज एसोसिएशन फार मार्केटिंग (केएएसएएम) ने किसानों से 1.9 लाख किलो हल्दी की खरीद की थी। इस साल संगठन ने अप्रैल से अब तक केवल 35,000 किलो हल्दी खरीदी है। इसके अलावा 1152 किलो हल्दी की खरीद भुवनेश्वर की सीसोर समूह ने 2 रुपये किलो अतिरिक्त दाम देकर खरीदी है।
सीसोर समूह ने केएएसएएम से 800 क्विंटल आर्गेनिक हल्दी खरीदने के लिए इस साल समझौता किया है। बहरहाल कीमतों में हुई बढ़ोतरी से जनजाति बहुल इलाके वाले इस जिले के किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है। इस जिले के 12 ब्लॉक के किसान मसाले की खेती पर निर्भर हैं। रैकिया के किसान सुमंत दिगाल ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसे बेचकर किसानों को ज्यादा पैसा नहीं मिला है।
केएएसएएम के सचिव प्रमोद कुमार पटनायक ने कहा कि दरअसल असमान बारिश की वजह से फसलें खराब हो गईं और पिछले साल की तुलना में हल्दी के उत्पादन में 60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। (BS Hindi)
24 जून 2009
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