नई दिल्ली: सरकार ने कपड़ों के आयात, खासतौर से चीन से मंगाए जा रहे माल पर निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने चीन से आयातित सस्ते फैब्रिक्स, गारमेंट और सूती वस्त्र उत्पादों को देश के सिर्फ दो बंदरगाहों पर उतारने की अनुमति देने का मन बनाया है। मंत्रालय नए प्रस्ताव पर केन्द्रीय वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों से बातचीत कर रहा है। केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय दयानिधि मारन ने ईटी के साथ बातचीत में कहा कि चीन जैसे देशों से होने वाले कपड़ों के सस्ते उत्पाद से घरेलू बाजार को बचाने के लिए सरकार ने आयात पर कड़ी निगरानी का फैसला किया है। मारन ने बताया, 'हम इस मसले पर पूरी कोशिश रह रहे हैं कि आयातित सूती वस्त्रों के उत्पादों को केवल दो बंदरगाहों पर ही उतारने की अनुमति मिले क्योंकि यदि सभी बंदरगाहों पर आयातित उत्पाद उतरने लगे तो कस्टम विभाग के अधिकारियों को उन पर नजर रखने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
इस मसले पर हम वाणिज्य और राजस्व विभाग के अधिकारियों से बात में लगे हैं।' वैश्विक आर्थिक सुस्ती के असर से देश कासूती वस्त्र उद्योग भी अछूता नहीं रहा। अमेरिका और यूरोप के बाजारों मे मांग घटने के कारण निर्यात ऑर्डरों में कमी से पिछले कुछ महीनों में कपड़ों के निर्यात में 10 फीसदी कमी आई है। हालांकि इस दौरान घरेलू बाजार में मांग में स्थिरता बनी हुई है। प्रतिस्पर्द्धा से उद्योग को बचाने के लिए कपड़ा उद्योग सरकार से संरक्षण की उम्मीद लगाए हुए है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर कपड़ा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यदि सिर्फ दो बंदरगाहों के जरिए कपड़ों के आयात की अनुमति मिल गई तो सरकार को कीमत और मात्रा की जांच करने में सहूलियत होगी। (ET Hindi)
27 जून 2009
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