राजकोट June 25, 2009
पंजाब में सरकारी दफ्तरों में एसी बंद हुए तो दिल्ली में कम पानी के इस्तेमाल की सलाह। वहीं उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में बुआई में देरी हो रही है।
बांध सूख रहे हैं तो बिजली का संकट भी लाजिमी है। महाराष्ट्र में सोयाबीन और धान उगाने वाले किसान अपनी जुगत लगा रहे हैं तो कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात में भविष्य को लेकर चिंता उभर रही है। देश भर में फैले बिजनेस स्टैंडर्ड संवाददाताओं ने मानसून में देरी का जायजा लिया, पेश है खास अंश...
मानसून में देरी के बावजूद गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में कपास और मूंगफली की बुआई ठीक-ठाक चल रही है। यह इलाका देश के मूंगफली और कपास उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है।
राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के मुताबिक अभी बुआई के लिए बेहतर स्थिति है। लेकिन उनका कहना है कि अगर बारिश में 30 जून के बाद देरी होती है, तो क पास और मूंगफली की फसलों की स्थिति बहुत खराब हो जाएगी।
जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति नगीनभाई पटेल ने कहा, 'फसलें 30 जून तक तो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। लेकिन अगर बारिश में 10-15 दिनों की और देरी होती है तो संकट की स्थिति होगी।
सौराष्ट्र में पिछले 2 दिनों से बूंदाबांदी हो रही है और ज्यादातर इलाकों में किसानों ने कपास और मूंगफली की बुआई शुरू कर दी है।' उन्होंने कहा कि मानसून आने में अगर अभी और देरी होती है तो मूंगफली की उत्पादकता पर असर पड़ेगा, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले दिनों में बारिश की क्या स्थिति रहती है। उत्पादन के बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। (BS Hindi)
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