23 जून 2009
क्रूड ऑयल महंगा होने से सिंथेटिक यार्न म् फीसदी तेज
सिंथेटिक यार्न के दाम पिछले तीन माह के दौरान पांच फीसदी तक बढ़ चुके हैं। इसकी वजह सिंथेटिक यार्न बनाने के लिए कच्चे माल का महंगा होना है। हालांकि आर्थिक संकट के कारण सिंथेटिक यार्न की मांग पिछले साल के मुकाबले कम है। गर्मियों में बिजली कटौती से उत्पादन कम होने के कारण भी कीमतों में तेजी को बल मिला है। आगे उत्पादन सुधरने पर इसकी कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। पिछले तीन माह के दौरान बाजार में सिंथेटिक यार्न में पीपी यार्न-800 डेनियर के दाम 100 रुपये से बढ़कर 107 रुपये और 1200 डेनियर के दाम 110 रुपये से बढ़कर 115 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। वही पॉलिस्टर यार्न 2*42 के दाम 128-138 रुपये से बढ़कर 133-147 रुपये, 3*52 के दाम 150-162 रुपये से बढ़कर 155-170 रुपये और 3*62 के दाम 155- 170 रुपये से बढ़कर 165- 185 रुपये प्रति किलो हो चुके हैं। रुई मंडी ट्रेडर एसोसिएशन के चैयरमेन और मैसर्स गर्ग ब्रदर्स के मालिक केवल कुमार गर्ग ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सिंथेटिक यार्न बनाने में उपयोग होने वाले कच्चे माल की कीमतें बढ़ने की वजह से तीन माह के दौरान इसके मूल्यों में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है। उनका कहना है कि पॉलिस्टर यार्न बनाने के लिए फाइबर की आवश्यकता होती है।इस दौरान इसके मूल्य बढ़ने के कारण पॉलिस्टर यार्न की कीमतों में इजाफा हुआ है। फाइबर के मूल्य 60 रुपये से बढ़कर 67 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। आर्थिक संकट की वजह से पिछले साल के मुकाबले मांग कम है। हालांकि पिछले एक माह के दौरान आर्थिक हालातों में सुधार के संकेत मिलने से मांग में सुधार हुआ है। पीपी यार्न कारोबारी संजय जैन ने बताया कि पिछले पांच माह के दौरान क्रूड ऑयल के महंगा होने से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले तीन माह के दौरान क्रूड ऑयल के दाम 40 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर करीब 72 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुके हैं। (Buisness Bhaskar)
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