नई दिल्ली: सोने की आसमान छूती कीमतों के चलते लाजपत नगर, करोल बाग, चांदनी चौक और दरीबा की सर्राफा दुकानों में अब ग्राहकों की भीड़ पहले जैसी नहीं लग रही। सर्राफा इंडस्ट्री के मुताबिक, इस साल जनवरी से जून के दौरान दुकान के स्तर पर सोने की बिक्री में 30-90 फीसदी तक की गिरावट आई है। ज्वैलरी ट्रेड एंड कंज्यूमर वेलफेयर फोरम (जेटीसीडब्ल्यूएफ) के चेयरमैन विजय वर्मा के मुताबिक, 'आम तौर पर दिल्ली में हर महीने 2,000 किलो सोने की थोक बिक्री होती थी। इस साल यह घटकर 500 किलो रह गई है।' यह सोने की महंगाई की वजह से हुआ है। पिछले साल जनवरी से जून के बीच सोने की औसत कीमत 12,250 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। इस साल की पहली छमाही में सोने की औसत कीमत 14,300 रुपए प्रति 10 ग्राम रही है।
यानी इस साल सोना करीब 16.73 फीसदी का महंगा हुआ है। चांदनी चौक के ज्वैलर रतनचंद ज्वालानाथ के तरुण गुप्ता के मुताबिक, 'पिछले साल के मुकाबले सोने की मांग बेहद कम है।' कीमतों के निचले स्तर पर आने के इंतजार में ग्राहक सोने की खरीद से दूर बने हुए हैं। बोनांजा ब्रोकरेज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट विभुरतन धारा के मुताबिक, 'ऊंची कीमतों की वजह से लोग सोने से दूर हो रहे हैं। इसके अलावा आर्थिक संकट के चलते लोगों की खरीदारी की क्षमता पर असर पड़ा है।' वहीं, एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी हेड अमर सिंह के मुताबिक लोग सोने के 12,500 से 13,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आने के इंतजार में हैं। सिंह के मुताबिक साल 2005 में सोना 6,000 से 6,200 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था, तब से आज के भाव करीब दोगुने हैं। विभुरतन के मुताबिक, पिछले कुछ वक्त में चांदी, क्रूड ऑयल समेत दूसरी कमोडिटी की कीमतों में गिरावट रही है, ऐसे में सोने को निवेश के तौर पर इस्तेमाल करने वाले इसकी कीमतों को ज्यादा मान रहे हैं। सोने की कीमतों पर असर डालने वाले दूसरे कारकों में ईटीएफ मांग और डॉलर की वैल्यू में उतार-चढ़ाव भी शामिल हैं। वह कहते हैं कि अगर डॉलर में कमजोरी का रुख रहता है तो इससे आने वाले वक्त में भी सोने की कीमतों में कमी नहीं आएगी।आने वाले महीने में भी सोने की मांग के कम रहने के संकेत हैं। दरीबा ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल जैन का कहना है, 'जून-जुलाई में वैसे भी शादियों का सीजन नहीं होने से मांग कम रहती है। ऐसे में इस दौरान भी बिक्री कम ही रहेगी।' तरुण गुप्ता के मुताबिक, 'मांग के कम होने के बावजूद सोने की कीमतों में कोई गिरावट नहीं आ रही है। कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों की वजह से सोना लगातार ऊपर बना हुआ है और आने वाले वक्त में भी कीमतों में कोई कमी आती नहीं दिख रही है।'इस साल सोने के आयात के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि देश में सोने की मांग में कमजोरी का दौर बना हुआ है। भारत हर साल करीब 700 टन सोने का आयात करता है। तरुण गुप्ता कहते हैं, 'इस साल यह आयात घटकर 200 टन के आसपास रहने की आशंका है।' इस साल जनवरी से जून के बीच 50 टन सोने का आयात हुआ है जबकि पिछले साल इसी दौरान 139 टन सोना आयात हुआ था। इसके अलावा फरवरी से मार्च के बीच देश में सोने का बिल्कुल आयात नहीं हुआ। अप्रैल में 20 टन और मई में यह आयात पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी घटकर 17.8 टन रहा है। अनुमान के मुताबिक जून में भी सोने का आयात करीब 40 फीसदी घटकर 10 टन पर आ सकता है। (ET HIndi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें