24 जून 2009
भारत से आयात बढ़ने की संभावना से विदेश में चीनी तेज
एशिया के कई उत्पादक देशों में चीनी के मूल्य में मामूली बढ़त दर्ज की गई। हाजिर में मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी देखी गई। हालांकि आने वाले दिनों में कीमतों में नरमी देखी जा सकती है। इस दौरान न्यूयार्क के आईसीई एक्सचेंज में जुलाई वायदा थाई रॉ शुगर में बढ़त देखी गई। यहां जुलाई व सितंबर के लिए होने वाले शिपमेंट के सौदे करीब 100 प्वाइंट ऊंचे भावा पर हुए। आइसीई में जुलाई चीनी वायदा करीब 15.08 सेंट प्रति पाउंड पर रहा। एक सप्ताह पहले इसका भाव करीब 14.86 सेंट प्रति पाउंड था। जानकारों का मानना है कि अगले सीजन में भी चीनी की किल्लत देखी जा सकती है। लिहाजा मौजूदा दरों पर पिछले कुछ दिनों में चीनी की मांग बढ़ी है। चालू साल के दौरान आईसीई चीनी वायदा में करीब 30 फीसदी का इजाफा हो चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसमें और तेजी देखी जा सकती है। कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में खास करके भारत में चीनी की मांग बढ़ सकती है। मानसून में देरी और रकबा घटने से अगले सीजन में भी चीनी का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय चीनी मिल संघ के अध्यक्ष एस. एल. जैन के मुताबिक चालू सीजन के दौरान भारतीय खरीददार करीब 25 लाख टन रॉ शुगर की खरीद कर चुके हैं। जिसमें से 22 जून तक करीब 18 लाख टन रॉ शुगर की आवक भी हो चुकी है। बाकी चीनी को भी करीब 31 जुलाई तक भारत पहुंचने की संभावना है। हालांकि मंगलवार को मुंबई के वाशी बाजार में एस-30 ग्रेड चीनी करीब 30 रुपये की गिरावट के साथ 2370 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिकी। बॉम्बे शुगर मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक जैन के मुताबिक सरकार द्वारा ज्यादा चीनी का कोटा जारी करने से कीमतों पर दबाव है। (Business Bhaskar)
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