मुंबई June 22, 2009
पुराने सोने को जल्द ही एक नई पहचान मिलने वाली है, क्योंकि इससे बने गहनों और सिक्कों का भी एक्सचेंज में कारोबार शुरू होने वाला है।
अभी तक हाजिर और वायदा दोनों बाजारों में सिर्फ नए सोने का ही कारोबार होता है। एक्सचेंज में टे्रडिंग शुरू होने से कीमतों में तो खास फर्क नहीं पड़ने वाला है लेकिन सोने के आयात में और कमी हो सकती है।
इंडियन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (आईबीएमए) पुराने गहनों को रिफाइन (गला) करके बिस्किटों में बदलेगा। इन बिस्किटों का नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) में कारोबार किया जाएगा, जिसके लिए एनएसईएल इस महीने के अंत तक एक नया कारोबारी अनुंबध शुरू करेगा। इस अनुबंध का नाम होगा 'लोकल गोल्ड'।
इसमें पारदर्शिता लाने के लिए आईबीएमए सोने के स्थानीय रिफाइनरियों को भी मान्यता देगा। केवल मान्यता प्राप्त बिस्किटों को ही कारोबार में शामिल किया जाएगा। एनएसईएल के प्रबंध निदेशक अंजनी सिन्हा कहते हैं कि पुराने गहनों को रिफाइन करके बिस्किटों में बदलकर इसका कारोबार शुरू किया जा सकता है इस बात को ध्यान में रखकर सोने के कारोबारी लंबे समय से कोशिश में लगे थे।
एनएसईएल अपने यहां इसका कारोबार इसी महीने के अंत तक शुरू करने की कोशिश में लगा हुआ है जिसकी पूरी तरह से तैयारी हो चुकी है। सिन्हा के अनुसार जून अंत तक एनएसईएल पर स्पॉट डिलीवरी के अनुबंध शुरू करेगा। पूरे देश में करीबन 20 रिफाइनरियों को ही मान्यता दी जाएगी। अभी कुल चार रिफाइनरियों को मान्यता दी गई है जिनमें दो रिफाइनरियां मुंबई में और दो अहमदाबाद में स्थित हैं।
बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया का कहना है कि इससे कारोबारियों में भरोसा बढ़ेगा और सोने के कारोबार में और पारदर्शिता आएगी। उनके मुताबिक आईबीएमए का गठन ही इसीलिए हुआ है कि देश के सभी कारोबारी एक जगह कारोबार कर सकें, जिससे पूरे देश में सोने की कीमतें एक जैसी हों और भारतीय कारोबारी सोने के अंतरराष्ट्रीय बाजार को प्रभावित कर सकें।
ओल्ड इज गोल्ड
लोकल गोल्ड बनेगा पुराने गहनों का सोनाकीमतों पर नहीं होगा ज्यादा असरपर आयात हो सकता है कमदेश में लगभग 20 हजार टन पुराना सोनापुराने गहनों का भी होगा वायदा कारोबारपुराने सोने को गलाकर बनेंगे बिस्किटआइबीएमए से मान्यता लेंगी रिफाइनरी (BS Hindi)
23 जून 2009
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