कोच्चि June 24, 2009
केरल उच्च न्यायालय की एकलपीठ चाय कारोबार में ई नीलामी व्यवस्था से जुड़े मामले पर इस महीने की 29 तारीख पर सुनवाई करेगी।
एडवोकेट कमीशन द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में याचिकाकर्ता चाय खरीदारों के संगठन (टीबीए) और चाय बोर्ड ने अपनी जवाबी दलील दी है। इसके पहले कोर्ट ने वकीलों का एक कमीशन बनाया था जो इस मसले का अध्ययन कर सकें और रिपोर्टजमा करें।
कमीशन ने यह रिपोर्ट कुछ दिनों पहले जमा कराई है। एकलपीठ ने यह आदेश दिया कि टीबीए और चाय बोर्ड रिपोर्ट की सूचनाओं के आधार पर अपने जवाबी तर्क दें। चाय बोर्ड ने कोच्चि नीलामी कारोबार में ई-नीलामी को एक महीने पहले शुरू की थी और कारोबारियों की ओर से इसका कड़ा प्रतिरोध भी हुआ।
इस नीलामी से खरीदारों और बिकवालों के बीच काफी भ्रम पैदा हो गया और इससे कारोबार 2-3 दिनों तक प्रभावित हुआ। एनएसई-आईटी द्वारा ई-नीलामी के लिए विकसित किए गए सॉफ्टवेयर के साथ तकनीकी दिक्कतें आने की वजह से कारोबार अच्छी तरह से नहीं हो पाया।
कारोबारियों का कहना है कि नई व्यवस्था के अनुसरण से चाय कारोबार के बड़े खिलाड़ियों को मदद करने के लिए किया गया और इससे छोटे और मझोले कारोबारियों को बहुत दिक्कत हो गई। कारोबार के बंद होने की वजह से ही लगभग 60 लाख किलोग्राम चाय का ढेर तैयार हो गया।
चाय बोर्ड ने कुन्नूर नीलामी केंद्र पर शत प्रतिशत ई-नीलामी की गई और तमिलनाडु के कोयंबटुर में भी कुछ हिस्से का कारोबार हुआ। कोलकाता और असम के गुवाहाटी में लगभग 25 फीसदी नीलामी का कारोबार ई-नीलामी के जरिए ही होता है।
देश के सबसे बड़े चाय कारोबार के केंद्र सिलिगुड़ी में ई-नीलामी शुरू होने वाली है। आज परंपरागत तरीके से नीलामी की प्रक्रिया आसानी से हो गई। कोच्चि के चाय कारोबारियों द्वारा याचिका दायर की गई तब केरल उच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिया था कि परंपरागत तरीके से ही नीलामी की जानी चाहिए।
एकलपीठ का कहना है कि जब तक इस मामले पर अंतिम फैसला न आ जाएं तब तक पुरानी व्यवस्था के तहत ही नीलामी होनी चाहिए। इस बीच चाय की कीमतों में नीलामी की प्रक्रिया के दौरान काफी उछाल आया।
इसकी वजह ऑर्थोडॉक्स लीफ ग्रेड की मांग विदेशों से बहुत ज्यादा हुई। आज की नीलामी के दौरान 8 लाख किलोग्राम ऑर्थोडॉक्स लीफ का ऑफर दिया गया और मांग में तेजी की वजह से इसकी पूरी बिक्री भी हो गई। (BS Hindi)
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