बंगलुरु: कर्नाटक में कॉफी की खेती करने वाले किसानों का मानना है कि इस साल उत्पादन में कमी आ सकती है। देश के कुल कॉफी उत्पादन का 70 फीसदी हिस्सा कर्नाटक से मिलता है। कॉफी उत्पादकों के मुताबिक आगामी सीजन 2009-10 (नवंबर से अक्टूबर) में कॉफी की पैदावार में 10-15 फीसदी की गिरावट आ सकती है, क्योंकि कॉफी की फसल पर कीड़ों के हमले की आशंका बरकरार है। इन कीड़ों के हमले से चिकमगलूर, कुर्ग और हासन में कॉफी की पैदावार में कमी आ सकती है। कीड़ों के हमले बढ़ने से इस साल कॉफी के उत्पादन में बड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है। बहरहाल कॉफी बोर्ड के अनुमान किसानों की तुलना में काफी अच्छे नतीजे पेश कर रहे हैं।
कॉफी के फूल खिलने के बाद जारी अनुमान के मुताबिक (पोस्ट ब्लॉजम) 2009-10 में देश में कुल 3.06 लाख टन कॉफी का उत्पादन हो सकता है जो इससे पहले साल की तुलना में 4.4 फीसदी ज्यादा है। चिकमगलूर के उत्पादकों का कहना है कि इन दिनों ह्वाइट स्टेम बोरर और कॉफी बेरी बोरर से सबसे ज्यादा खतरा है। चिकमगलुर बाबा बुदन की पहाडि़यों पर स्थित है जहां से भारत में कॉफी की पैदावार की शुरुआत हुई थी। राज्य के कुल उत्पादन के 35 फीसदी हिस्से की पैदावार यहीं होती है। कॉफी इंडस्ट्री के एक सूत्र ने ईटी को बताया, 'कॉफी बेरी बोरर सबसे बड़ी समस्या है। कुर्ग, हासन और चिकमगलुर के एस्टेट में इससे सबसे ज्यादा नुकसान होता आ रहा है।' (ET Hindi)
23 जून 2009
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