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06 जून 2009

चीनी के वैश्विक कारोबार में छह फीसदी बढ़ोतरी के आसार

नई दिल्ली: भारत, पाकिस्तान और यूरोपीय यूनियन में चीनी के आयात की मांग बढ़ने से साल 2008-09 के फसल सीजन में पूरी दुनिया में चीनी के कारोबार में छह फीसदी की तेजी आने की संभावना है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2008-09 के सीजन में चीनी का वैश्विक कारोबार बढ़कर 5.02 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा जो साल 2007-08 के मुकाबले छह फीसदी ज्यादा होगा। चीनी सीजन अक्टूबर से सितंबर के बीच चलता है। संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था का अनुमान है कि दुनिया भर में इस साल चीनी का उत्पादन करीब 15.85 करोड़ टन रहेगा। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश भारत में इस साल चीनी के उत्पादन में 45 फीसदी की भारी कमी आने की आशंका इस रिपोर्ट में जाहिर की गई है। एफएओ ने कहा है कि कई क्षेत्रों में अनिश्चितताओं के चलते भारत इस साल चीनी उत्पादन में होने वाली गिरावट की भरपाई के लिए बड़े स्तर पर चीनी का आयात करेगा और इस वजह से पूरी दुनिया में चीनी के कारोबार में तेजी आएगी। मौजूदा सूचनाओं के आधार पर एफएओ ने अनुमान जताया है कि भारत इस साल करीब 30 लाख टन चीनी का आयात करेगा जबकि साल 2007-08 के चीनी सीजन में भारत ने इसका बिलकुल भी आयात नहीं किया था। एफएओ का अनुमान है कि केंद्र सरकार के रिफाइंड चीनी के शुल्क मुक्त आयात को मंजूरी दिए जाने से इसके आयात में तेजी आएगी। एफएओ की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि चीनी उत्पादन में कमी, खासतौर पर भारत में इसके कम उत्पादन होने से पूरी दुनिया में चीनी की मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राजील और थाईलैंड में मौजूद चीनी के भंडारों से हालांकि इस स्थिति में कुछ आराम रहेगा। (ET Hindi)

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