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12 जून 2009

मई में चीन का कोयला निर्यात पांच साल में सबसे कम

वैश्विक स्तर पर मांग घटने से इस साल मई के दौरान चीन से कोयला निर्यात में भारी गिरावट आई है। कस्टम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान करीब 11.9 लाख टन कोयले का निर्यात हुआ जो एक साल पहले के मुकाबले करीब 70 फीसदी है। यह निर्यात पिछले पांच सालों में सबसे कम है। इस साल जनवरी से मई के दौरान करीब 1.53 करोड़ टन कोयले का निर्यात हुआ। गौरतलब है कि चीन कोयले के प्रमुख निर्यातक के तौर पर जाना जाता है। यहां से निर्यात का करीब 90 फीसदी हिस्सा जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान को जाता है। लेकिन वैश्विक स्तर पर छाई आर्थिक मंदी की वजह से इन देशों में कोयले की मांग घटी है। अप्रैल के दौरान जापान के थर्मल पावर उत्पादन में करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है। जिससे पहली तिमाही के उत्पादन में गिरावट ज्यादा रही। इस क्रम में ताईवान में इस दौरान कोयले के आयात में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई। चीन द्वारा जापान और दक्षिण कोरिया के साथ कीमतों पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से भी इसके निर्यात में कमी आई है। दरअसल मांग कम रहने के बावजूद चीन का कोयला वैश्विक बाजार की तुलना में महंगा रहा है। इससे खरीददारों का रुझान कम रहा। मौजूदा समय में 5,800 किलो कैलोरी हीटिंग प्रति किलो वैल्यू वाले डायटोंग क्वालिटी के मिक्स कोयले का भाव करीब 610-630 युआन (89.20-92.20 डॉलर) प्रति टन है। वहीं आस्ट्रेलिया में कोयले का भाव करीब 73.3 डॉलर प्रति टन है। वूड मैकेंजाइ के विश्लेषक जॉन फू के मुताबिक चीन के विदेशी खरीददारों का रुझान कमजोर होने से चीन के कोयला निर्यातकों को आने वाले दिनों में कीमतें घटानी पड़ सकती हैं। मौजूदा समय में ज्यादातर विदेशी खरीददारों का रुझान आस्ट्रेलियाई कोयले में बना हुआ है। (Business Bhaskar)

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